भारत की इस सीमा पर सुरक्षा एजेंसियां इशारों में करती हैं विदेशियों से पूछताछ, यह है कारण
India Nepal Norder नेपाल से जुड़ी सोनौली सीमा पर दुभाषिया न होने से विदेशी नागरिकों के साथ प्राय संवादहीनता की स्थिति उत्पन्न हो जातीहै। चीन उज्बेकिस्तान केन्या जापान सहित अन्य देशों के पर्यटकों के साथ प्राय वार्ता करने में एजेंसियों को समस्या उत्पन्न हो जाती है।
गोरखपुर, विश्वदीपक त्रिपाठी। नेपाल से जुड़ी सोनौली सीमा इन दिनों भाषा के संकट से जूझ रही है। दुभाषिया न होने से विदेशी नागरिकों के साथ प्राय: संवादहीनता की स्थिति उत्पन्न हो जातीहै। ब्रिटेन, अमेरिका सहित अंग्रेजी भाषी पर्यटकों के साथ संवाद करने में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), पुलिस, आइबी सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों को कोई असुविधा नहीं होती है, लेकिन चीन, उज्बेकिस्तान, केन्या , जापान सहित अन्य देशों के पर्यटकों के साथ प्राय: वार्ता करने में समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह पर्यटक अपनी मातृ भाषा में ही बात करते हैं। ऐसे में सीमा पर उनसे इशारों में बात कर वीजा, पासपोर्ट आदि आवश्यक कागजात मांगे जाते हैं।
विभिन्न देशों से नेपाल जाते हैं पर्यटक
गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी के कारण बड़ी संख्या में बौद्ध धर्मावलंबी दर्शन के लिए नेपाल आते हैं। पशुपतिनाथ मंदिर, मनोकामना मंदिर, मुक्तिनाथ आदि धार्मिक स्थानों के साथ पर्यटन नगरी पोखरा में भी बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। नेपाल के शहरी क्षेत्र से जुड़ने के कारण पर्यटक प्राय: सोनौली सीमा से नेपाल में प्रवेश करते हैं। नेपाल पर्यटन बोर्ड के मुताबिक 2019 में 11.7 लाख पर्यटक नेपाल आए थे। कोरोना के चलते वर्ष 2020 में यह संख्या घटकर 2.23 लाख पहुंच गई। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 72 हजार पर्यटक विभिन्न रास्तों से नेपाल पहुंचे हैं।
सऊदी अरब से आए भाई बहन चकमा देकर पहुंच गए फतेहपुर
बीते 24 जुलाई को फतेहपुर पुलिस ने सऊदी अरब के जेद्दा शहर से फर्जी वीजा पासपोर्ट के सहारे भारत में प्रवेश किए नईफ मोहम्मद महाजारी व उसकी बहन नौरा काे पकड़ लिया। पूछताछ में दोनों ने बताया था कि वह सोनौली सीमा के रास्ते आए थे। फतेहपुर पुलिस ने जब इसकी जानकारी सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों से साझा की तो अधिकारी सकते में आ गए।
पकड़े जा चुके हैं कई आतंकी
पर्यटकों की आड़ में भारत विरोधी तत्व भी सोनौली सीमा के रास्ते भारत में प्रवेश कर जाते हैं। नेपाल से जुड़ी 1751 किलोमीटर की खुली सीमा की संवेदनशीलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस सीमा से अब तक कई खुंखार आतंकी पकड़े जा सके हैं। लियाकत अली, पुखराया रेल दुर्घटना का मास्टरमाइंड शमशुल होदा, आतंकी याकूब मेनन, बिलावल अहमद भट, नूर बक्श, असरफ पठान, मुस्तफा हुसैन, वसीर अहमद, खालिद मीर, सईद जैसे खुंखार आंतकी इस सीमा से भारत में प्रवेश करते सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ चुके हैं।
सीमा पर चौकसी बरती जा रही है। जो विदेशी नागरिक अंग्रेजी नहीं जानते हैं, उन्हें कुछ समस्याएं होती हैं। प्रयास रहता है कि सबकी बातों को समझ कर उनकी समस्याओं का निस्तारण कराया जाए। - प्रदीप कुमार गुप्ता, एसपी, महराजगंज।