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सनातन काल से चली आ रही रामलीला की परंपरा टूटने के कगार पर Gorakhpur News

UP बस्‍ती जिले के दुबौलिया में सनातन काल से चली रही आ रही रामलीला के मंचन की तैयारियों पर अचानक ब्रेक लग गया है। इस बार राम भक्त रामलीला मंचन को यादगार बनाने की तैयारी में थे लेकिन कोरोना की बंदिशों ने उनका उत्साह ठंडा कर दिया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 11:52 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 08:43 AM (IST)
सनातन काल से चली आ रही रामलीला की परंपरा टूटने के कगार पर Gorakhpur News
बस्‍ती में रामलीला के कलाकार। - फाइल फोटो

एसके सिंह, बस्ती। सनातन काल से चली रही आ रही रामलीला के मंचन की तैयारियों पर अचानक ब्रेक लग गया है। आयोजक और कलाकार दोनों ही मायूस हैं। अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के श्रीराम मंदिर निर्माण की शुरूआत किए जाने के साथ वशिष्ठ की बस्ती राममय हो गई है। इस बार राम भक्त रामलीला मंचन को यादगार बनाने की तैयारी में थे लेकिन कोरोना की बंदिशों ने उनका उत्साह ठंडा कर दिया है। 

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रामलीला के कलाकारों में कोविड की बंदिशों को लेकर उपजी उनकी भावना को दैनिक जागरण ने जानने का प्रयास किया। इस दौरान कुछ दिखा वह चौंकाने वाला था। रामलीला में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अमित कुमार चाय व पकौड़ा की दुकान जबकि कुंभकर्ण की भूमिका निभाने वाले दीनदयाल गुप्ता मोबाइल की दुकान चलाते मिले। बाकी अन्य कलाकार भी कहीं न कहीं पर व्यस्त हैं। हम बात कर रहे हैं रामजानकी मार्ग के खुशहालगंज की रामलीला कमेटी की। यहां कर रामलीला काफी लोकप्रिय है। 

टूटने के कगार पर परंपरा

आदर्श रामलीला समिति खुशहालगंज (दुबौलिया) के अध्यक्ष जीत बहादुर सिंह का कहना है कि हमने तैयारी कर रखी है। साजो सामान की बुकिंग भी हो गई है। सरकार से छूट मिलते ही आयोजन की तिथि घोषित कर दी जाएगी। फिलहाल आगे क्या होगा राम ही लीला,प्रभु राम ही जानेें। मुख्य आयोजक अमर बहादुर सिंह ने बताया रामलीला का सजीव चित्रण कब से हो रहा है। इसकी सटीक जानकारी किसी को नहीं है। हां यह जरूर है वर्ष 1995 में रामलीला का मंचन दिन से बदलकर रात में किया जाने लगा। 

सैनिक का रामलीला के प्रति प्रेम बेमिसाल 

रामलीला मंचन में दशरथ का रोल निभाने वाले रिटायर्ड सैनिक राजकुमार सिंह का कहना है कि वह 12 वर्ष की अवस्था से रामलीला में रोल निभाते आ रहे हैं। उम्र के रोल बदलता गया। अब वह राजा दशरथ का रोल निभाते हैं। कहा देश की सेवा करते समय भी रामलीला में हिस्सा लेेने के लिए अवकाश लेकर आ जाया करते थे।

रामलीला के आयोजन को लेकर कोई गाइड लाइन प्राप्त नहीं हुई है। इस बारे में शासन ने दिशा निर्देश मांगा गया है। - आशुतोष निरंजन, जिलाधिकारी


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