विधायक राधा मोहन की शिकायत पर डिप्टी सीएम ने PWD केे सहायक अभियंता को हटाया
गोरखपुर के विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल की शिकायत पर डिप्टी सीएम केशव मौर्या ने गोरखपुर के पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता को पद से हटा दिया।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के सिंघडिया से बसुंधरा कालोनी प्रज्ञा विहार से इन्जीनियरिंग कालेज तक हुए भीषण जलजमाव के लिए लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदार ठहराते हूये नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने इसे विधानसभा में उठाया और दोषी अभियंताओं के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। नगर विधायक ने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्य से उनके निवास पर मुलाकात की और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के बारे में बताया। उप मुख्यमंत्री ने उसी समय लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ को निर्देशित किया कि सहायक अभियंता केके सिंह को तुरंत गोरखपुर से हटाकर लखनऊ मुख्यालय से अटैच कर दें।
नगर विधायक ने कहा कि लोक निर्माण विभाग जब कोई भी काम करता है तो विभागीय नियमों के तहत उसके अधिकारियों को यह अध्ययन करना होता है कि निर्माण कार्य से क्या लाभ होगा और उससे नुकसान क्या होगा। अधिकारियों ने आवागमन के लिए देवरिया रोड को 1-1.5 मीटर ऊंचा तो कर दिया लेकिन यह समझने की कोशिश ही नहीं की कि सड़क के इतना ऊंचा हो जाने से सड़क के उत्तर तरफ की पचासों कालोनियों में रह रहे दस हजार सेे अधिक नागरिकों के घर का पानी कैसे निकलेगा, क्योंकि सारी कालोनियों का पानी देवरिया रोड क्रास करके ही उसपार दक्षिण की तरफ जाता था।
गैर-जिम्मेदाराना रवैये के लिए अभियंताओं की जिम्मेदारी तय हो
डा. अग्रवाल ने कहा कि वास्तव में वहां सडक इतना ऊंचा करने की जगह एक चौड़ा कल्वर्ट बनाने की जरूरत थी, जिससे बहकर कालोनियों का पानी निकल सके। लेकिन अभियंताओं ने सड़़क भी ऊंची कर दी और कल्वर्ट बनाने की जगह छोटा सा ह्यूम पाइप डाल दिया। फलस्वरूप देवरिया रोड के उत्तर तरफ के दस अजार नागरिक डेढ़ से दो मीटर पानी में डूब गये और महीनों तक डूबे हुए हैं। नगर विधायक ने कहा कि अभियंताओं की इस भंयकर लापरवाही के कारण सरकार की छवि बहुत खराब हुई है और नागरिकों में बहुत आक्रोश पैदा हुआ है तथा राजनीतिक रुप से हम जनप्रतिनिधियों को बहुत शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि बेहद नाराज नागरिकों ने आक्रोशित होकर सदर सांसद का घेराव किया और उनके घर के सामने की सड़क तोड़ डाली। सरकारी राजस्व की अलग से नुकसान हूआ है। उन्होंने विधानसभा में मांग किया है कि अभियंताओं के कारण नागरिकों को बहुत कष्ट तथा जनप्रतिनिधियों को अपमानजनक परिस्थितियों से गुजरना पड़ा है। उनके ऐसे गैर-जिम्मेदाराना रवैये के लिए उन अभियंताओं की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।