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जीनोम सिक्वेंसिंग के बिना हो सकेगी ओमिक्रोन की पहचान

तीसरी लहर में सर्वाधिक प्रभावित करने वाले वैरिएंट ओमिक्रोन का पता लगाने के लिए नमूनों की अब जीनोम सिक्वेंसिंग नहीं करानी पड़ेगी। इस वैरिएंट की पहचान रीयल टाइम पालीमरेज चेन रियेक्शन (आरटी-पीसीआर) जांच में ही की जा सकेगी। बीआरडी मेडिकल कालेज इस जांच के लिए तैयार है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 02:29 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 02:29 PM (IST)
जीनोम सिक्वेंसिंग के बिना हो सकेगी ओमिक्रोन की पहचान
जीनोम सिक्वेंसिंग के बिना हो सकेगी ओमिक्रोन की पहचान। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। तीसरी लहर में सर्वाधिक प्रभावित करने वाले वैरिएंट ओमिक्रोन का पता लगाने के लिए नमूनों की अब जीनोम सिक्वेंसिंग नहीं करानी पड़ेगी। इस वैरिएंट की पहचान रीयल टाइम पालीमरेज चेन रियेक्शन (आरटी-पीसीआर) जांच में ही की जा सकेगी। इसके लिए क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) में ओमिश्योर किट आने वाली है, जो इसी माह मिल जाएगी।

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दिसंबर में छह नमूने भेजे गए थे केजीएमयू

दिसंबर के बाद से छह नमूने केजीएमयू में जीनोम सिक्वेंसिंह के लिए भेजे गए, लेकिन अभी उनकी रिपोर्ट नहीं आने से यह पता नहीं चल सका कि गोरखपुर में कोरोना के किस वैरिएंट से सर्वाधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं। चूंकि पूरे देश में ओमिक्रोन का संंक्रमण ज्यादा है, इसलिए अमेरिका आधारित कंपनी थर्मो फिसर ने ओमिश्योर नाम से एक आरटी-पीसीआर किट को डिजाइन व विकसित किया है, जिसका निर्माण भारत की टाटा कंपनी ने किया है। इस स्वदेशी किट को इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने अनुमति प्रदान कर दी है।

तीन से चार घंटे में मिल जाएगी रिपोर्ट

इस किट को इस ढंग से डिजाइन किया गया है कि यह संक्रमण का पता भी लगाएगी और ओमिक्रोन की पहचान भी कर लेगी। जितना समय कोरोना की आरटीपीसीआर जांच में लगता है, उतने ही समय में इस किट से भी जांच होगी। एक साथ ही यह ओमिक्रोन व संक्रमण के बारे में जानकारी दे देगी। आरएमआरसी के मीडिया प्रभारी डा.अशोक पांडेय ने बताया कि किट का रन टाइम 85 मिनट और टर्न अराउंड टाइम 130 मिनट है। तीन से चार घंटे में रिपोर्ट मिल जाएगी।

समय से रिपोर्ट मिलने पर हो सकेगी रोकथाम

डा.अशोक पांडेय ने बताया कि यह किट इसी माह आइसीएमआर के जरिये हमें मिल जाएगी। केजीएमयू नमूने भेजने पर 15-20 दिन बाद ही रिपोर्ट मिलने की संभावना होती है। यहां जांच होने से समय से रिपोर्ट मिल जाएगी। इससे ओमिक्रोन की समय रहते रोकथाम की जा सकेगी।


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