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गोरखपुर नगर निगम में फिर शुरू हुआ तेल का खेल, इस बार यहां मिली शिकायत

उपसभापति से नागरिकों ने मुंशी प्रेमचंद पार्क के पास संपवेल चलाने में डीजल की चोरी की शिकायत की थी। साथ ही बताया था कि रोजाना संपवेल परिसर में नगर निगम के कुछ कर्मचारी और बाहरी लोग हंगामा करते हैं।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 03:40 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 07:00 PM (IST)
गोरखपुर नगर निगम में फिर शुरू हुआ तेल का खेल, इस बार यहां मिली शिकायत
गोरखपुर नगर निगम का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। नगर निगम में डीजल का खेल फिर शुरू हो गया है। मुंशी प्रेमचंद पार्क के पास स्थित संपवेल में इलेक्ट्रिक इंजन होने के बाद भी रोजाना 15 लीटर डीजल लिया जा रहा है। यह स्थिति तब है जब नालों में पानी कम बह रहा है और बिजली की निर्बाध आपूर्ति जारी रहा है। नगर निगम के उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा ने शहर के सभी नौ संपवेल में डीजल खपत और अन्य व्यवस्था का हिसाब मांगा है।

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उपसभापति से नागरिकों ने की थी शिकायत

उपसभापति से नागरिकों ने मुंशी प्रेमचंद पार्क के पास संपवेल चलाने में डीजल की चोरी की शिकायत की थी। साथ ही बताया था कि रोजाना संपवेल परिसर में नगर निगम के कुछ कर्मचारी और बाहरी लोग हंगामा करते हैं। रविवार शाम तकरीबन पांच बजे उपसभापति संपवेल परिसर पहुंचे। संपवेल पर ताला लगा था। पानी भी कम इकट्ठा हुआ था। उन्होंने सहायक अभियंता अशोक सिंह को फोन कर मौके पर बुलाया। सहायक अभियंता को इलेक्ट्रिक इंजन चलने की जानकारी नहीं थी। अपने सामने उन्होंने इंजन चलवाया।

ड्राइवरों ने दिया तर्क

उपसभापति ने इलेक्ट्रिक इंजन होने के बाद रोजाना डीजल की खपत पर सवाल किया तो बताया गया कि बिजली न रहने, इंजन का मोटर खराब होने पर डीजल इंजन चलाया जाता है। कभी-कभी संपवेल में ज्यादा पानी इकट्ठा होने पर दोनों इंजन चलाने पड़ते हैं। उपसभापति ने कहा कि पिछले साल बारिश का मौसम बीतने के बाद शहर में ज्यादा पानी नहीं निकल रहा है, इसके बाद भी डीजल इंजन चलाना समझ से परे है।

इसलिए बना है संपवेल

बेतियाहाता और महेवा वार्ड का पानी मुंशी प्रेमचंद पार्क के पास तक बने नाले में जाता है। यहां इकट्ठा पानी को संपवेल के जरिये दूसरे नाले में गिराया जाता है।

कई बार पकड़ी जा चुकी है तेल चोरी

नगर निगम में कई बार तेल चोरी पकड़ी जा चुकी है। दो साल पहले तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आकांक्षा राणा ने तेल चोरी में नगर निगम के कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कराया था। तब तेल का खर्च अचानक कम हो गया था। हालांकि बाद में अफसरों ने तेल चोरी रोकने की दिशा में कड़ाई नहीं की। इस कारण तेल की खपत बढ़ती गई।


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