हर सप्ताह होगी तेल व तिलहन की कीमतों की समीक्षा, कालाबाजारी रोकने के लिए उठाया गया कदम
पिछले कुछ माह से तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने हर सप्ताह समीक्षा करने का फैसला लिया है। व्यापारियों और स्टाक होल्डर्स को स्टाक की जानकारी सरकारी पोर्टल पर देनी होगी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दालों के बाद तेल व तिलहन की कीमतों पर नजर रखने के लिए सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। कालाबाजारी को रोकने के लिए नया आदेश जारी किया गया है। स्टाक होल्डर को अब तेल व तिलहन के स्टाक की जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी। सरकारी एजेंसियां हर सप्ताह तेल व तिलहन की कीमतों की समीक्षा भी करेंगी।
पोर्टल पर देनी होगी स्टाक की जानकारी
बढ़ती कीमतों के बीच कालाबाजारी की आशंका को देखते हुए आयुक्त खाद्य एवं रसद ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है। अब स्टाक होल्डर्स को तेल व तिलहन के स्टाक की सरकारी पोर्टल पर घोषणा करनी होगी। पोर्टल के जरिए ही सरकारी एजेंसिया निगरानी करेंगी। स्टाक होल्डर्स में मिल मालिक, रिफाइनरी, थोक व फुटकार व्यापारी को शामिल किया गया है।
स्टाक होल्डर्स को पोर्टल पर कराना होगा पंजीकरण
जिलाधिकारी व संभागीय खाद्य नियंत्रक को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि वे खाद्य सुरक्षा अधिकारी, मंडी परिषद, जीएसटी व उद्योग विभाग से स्टाक होल्डर्स की सूची लेकर उन्हें स्टाक घोषित करने की जानकारी दें और केंद्र सरकार से लिंक मिलने के बाद पंजीकरण भी कराएं। पोर्टल पर स्टाक होल्डर द्वारा घोषित स्टाक की निगरानी की जाएगी। इससे स्टाक व बिक्री की जानकारी मिलती रहेगी।
फुटकर बाजार में यह है खाद्य तेलों की कीमत
फिलहाल फुटकर बाजार में रिफाइंड 175, पाम आयल 135 तथा सरसों का तेल 195 रुपये लीटर बिक रहा है। सरकार ने तीन माह पहले दाल की कालाबाजारी रोकने के लिए स्टाक जांचने का निर्देश दिया था। इसके बाद अरहर, चना समेत सभी तरह की दालों में पांच से 15 रुपये तक की गिरावट आइ थी।
नई व्यवस्था के व्यापारी संगठनों ने जताई नाराजगी
सरकार के इस निर्णय पर तेल व्यापारियों ने नाराजगी जताई है। चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष संजय सिंघानियां ने नई व्यवस्था से नाइत्तफाकी जताते हुए कहा कि इससे व्यापारियों का उत्पीडऩ बढ़ेगा। कर्मचारियों की संख्या बढ़ानी होगी जिससे खर्च भी बढ़ेगा। कोरोना के चलते मंदी से जूझ रहे व्यापारियों के लिए यह उचित नहीं है।
घटा आयात शुल्क, पांच रुपये तक सस्ता हो सकता है तेल
केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों पर लगने वाला आयात शुल्क घटा दिया है। इसका असर बाजार में अगले सप्ताह से दिखाई देगा। थोक कारोबारियों के मुताबिक आयात शुल्क कम होने से रिफाइंड, सोया और पाम आयल की कीमतों में प्रतिलीटर पांच रुपये तक की कमी आ सकती है।