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ओवरलोड ट्रकों से वसूली में बंद गुनहगारों की सलाखों में भी निगरानी Gorakhpur News

होटल मालिक धर्मपाल सिंह व उसके साथियों को मिलेनियम बैरक एक जबकि अधिकारियों को मिलेनियम बैरक दो में रखा गया है। पकड़े गए इन्‍हीं आरोपितों की निगरानी हो रही है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 09:55 AM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 09:55 AM (IST)
ओवरलोड ट्रकों से वसूली में बंद गुनहगारों की सलाखों में भी निगरानी Gorakhpur News
ओवरलोड ट्रकों से वसूली में बंद गुनहगारों की सलाखों में भी निगरानी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। ओवरलोड ट्रकों से वसूली मामले में गिरफ्तार बस्ती, संतकबीरनगर के प्रभारी एआरटीओ व गिरोह के सदस्यों की जेल में भी निगरानी की जा रही है। इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि उनका आमना-सामना न हो। स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) उनसे मिलने आने वाले मुलाकातियों पर भी नजर रखे है।

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अब तक इन गुनहगारों की हो चुकी है गिरफ्तारी

स्पेशल टास्क फोर्स ने 24 जनवरी को बेलीपार के होटल संचालक धर्मपाल सिंह, ढाबा मालिक मनीष सिंह उर्फ सिब्बू, विवेक सिंह उर्फ सिक्कू, श्रवण गौड़, रामसजन और देवरिया के कपरवारघाट निवासी शैलेष मल्ल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आरोपितों से पूछताछ और विवेचना के दौरान मिलीभगत के आरोप में बस्ती के पीटीओ/एआरटीओ प्रवर्तन शैलेंद्र तिवारी, संतकबीरनगर के पीटीओ/एआरटीओ प्रवर्तन संदीप चौधरी, चालक उत्तम चंद और देवरिया एआरटीओ कार्यालय में तैनात सिपाही अनिल कुमार शुक्ला को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

जेल के इस बैरक में बंद हैं आरोपित

होटल मालिक धर्मपाल सिंह व उसके साथियों को मिलेनियम बैरक एक जबकि अधिकारियों को मिलेनियम बैरक दो में रखा गया है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. रामधनी ने बताया कि ओवरलोड ट्रकों से वसूली के मामले में पकड़े गए आरोपितों की निगरानी हो रही है।

16 जिलों के एआरटीओ पर दर्ज है केस

16 जिलों के एआरटीओ, सिपाहियों और कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज है। एसआइटी ने शुक्रवार को नोटिस जारी कर मऊ व आजमगढ़ के एआरटीओ समेत सात लोगों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था। आरोपितों के न मिलने पर नोटिस उनके कार्यालय में रिसीव कराया गया था, लेकिन सोमवार को कोई आरोपित सीओ कैंट कार्यालय में बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा। उधर, गाजीपुर, भदोही, मिर्जापुर और जौनपुर एआरटीओ कार्यालय में भी सोमवार को नोटिस रिसीव करा दिया गया। नामजद आरोपितों को तीन दिन के भीतर सीओ कैंट कार्यालय में उपस्थित होकर बयान दर्ज कराने को कहा गया है। 


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