अब मोबाइल पर मिल जाएगी टिकट रिफंड की जानकारी Gorakhpur News
टिकट एजेंटों की मनमानी और बहानेबाजी नहीं चलेगी। टिकट कैंसिल होते ही यात्री के मोबाइल पर रिफंड धनराशि और ओटीपी का मैसेज आ जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। अब आइआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन) से ई टिकट बुक करने वाले यात्रियों को टिकट कैंसिल होने पर किराया वापसी को लेकर परेशान नहीं होना पड़ेगा। टिकट एजेंटों की भी मनमानी और बहानेबाजी नहीं चलेगी। टिकट कैंसिल होते ही यात्री के मोबाइल पर रिफंड धनराशि और ओटीपी का मैसेज आ जाएगा। एजेंट को ओटीपी मैसेज दिखाते ही पूरा किराया वापस हो जाएगा।
यात्रियों को परेशानियों से मिली मुक्ति
दरअसल, एजेंट ई टिकट बुक करने के बाद किराया तो पूरा ले लेते हैं। लेकिन टिकट वापस होने पर जब किराया लौटाना पड़ता है तो हीलाहवाली करते हैं। नियमानुसार पूरा किराया भी वापस नहीं करते। कुछ एजेंट तो यात्री की जगह अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर प्रिंट टिकट पकड़ा देते हैं। इसको लेकर लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। यात्री को यह पता नहीं चल पाता है कि उनका कितना किराया वापस हुआ है। अब टिकट कैंसिल होते ही यात्री वापस होने वाली धनराशि के बारे में जान जाएंगे। यही नहीं जब तक वह एजेंट को ओटीपी नहीं बताएंगे उनका किराया भी वापस नहीं होगा। यानी, एजेंट अपने हिसाब से रिफंड की धनराशि नहीं निकाल पाएंगे। रेलवे की इस नई व्यवस्था का लाभ लेने के लिए लोगों को टिकट लेते समय अपना मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज कराना होगा।
यह भी जानें
पर्सनल आइडी पर बुक ई टिकट कैंसिल होते ही रिफंड सीधे बैंक एकाउंट में जाता है। एजेंट से टिकट लेने वाले यात्रियों का रिफंड एजेंट के बैंक एकाउंट में जाता है। वेटिंग ई टिकट कंफर्म नहीं होने पर अपने आप कैंसिल हो जाता है। कंफर्म ई टिकट को कैंसिल करना या कराना पड़ता है।
अधिकृत एजेंटों से ही टिकट की अनिवार्यता
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि यात्री अधिकृत एजेंट से ही टिकट बुक कराएं और अपना मोबाइल नंबर ही दर्ज कराएं। अतिरिक्त सहूलियत देने व व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से ओटीपी आधारित नया रिफंड सिस्टम तैयार किया गया है।