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अब प्लेटफार्म पर डेढ़ घंटे से अधिक नहीं रुकेंगी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, जानें- क्यों.. Gorakhpur News

रेलवे प्रशासन ने लगातार विलंब से चल रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की रफ्तार को पटरी पर लाने की कवायद युद्ध स्तर पर शुरू कर दी है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 09:49 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 08:56 AM (IST)
अब प्लेटफार्म पर डेढ़ घंटे से अधिक नहीं रुकेंगी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, जानें- क्यों.. Gorakhpur News
अब प्लेटफार्म पर डेढ़ घंटे से अधिक नहीं रुकेंगी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, जानें- क्यों.. Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। देर से ही सही, रेलवे को अपनी गलती का अहसास हुआ है। रेलवे प्रशासन ने लगातार विलंब से चल रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की रफ्तार को पटरी पर लाने की कवायद युद्ध स्तर पर शुरू कर दी है।

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कमजोर पक्षों को चिन्हित कर उन्हें दुरुस्त करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। संबंधित अधिकारी प्लेटफार्मों को जल्दी खाली कराने और जोनल स्तर पर एक- दूसरे से समन्वय स्थापित कर सूचनाओं के आदान-प्रदान करने पर जोर देने लगे हैं।

यह है नई व्‍यवस्‍था

नई व्यवस्था के तहत प्लेटफार्मों पर अब अधिकतम डेढ़ घंटे में ही ट्रेनों से प्रवासियों को उतार लिया जाएगा। हर घंटे प्लेटफार्म खाली होते रहेंगे और ट्रेनें आगे बढ़ती रहेंगी। सेक्शन (रेल खंड) और जोनल रेलवे को जोडऩे वाले इंटरचेंज प्वाइंट ब्लॉक (अवरोध) नहीं होंगे। इसके लिए प्लेटफार्मों पर पर्याप्त संख्या में रेलकर्मी और सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। गोरखपुर में शुरुआत हो चुकी है।

दरअसल, स्टेशनों पर प्रवासियों को उतारने में दो से तीन घंटे लग जा रहे हैं। प्लेटफार्म व्यस्त होने के चलते पीछे वाली ट्रेनों को सिग्नल नहीं मिल पा रहा। इसका असर लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, छपरा, पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन ही नहीं भुसावल और इटारसी सेक्शन तक पड़ जा रहा है। खामियाजा कामगारों को भुगतना पड़ रहा, जो भूख-प्यास से बिलबिलाते हुए घर पहुंच रहे हैं।

ट्रेनों की जानकारी लेने में छूट जा रहा पसीना

नाम और समय-सारिणी नहीं होने से स्टेशन प्रबंधन व कंट्रोल रूम को भी ट्रेनों के बारे में समय से सही जानकारी नहीं मिल पा रही। जोन के क्षेत्र में पहुंचने पर कंट्रोल रूम को ट्रेन के आने की सूचना मिल रही है। इसमें कहीं न कहीं जोनल स्तर पर तालमेल का भी अभाव है।

गोरखपुर में श्रमिक ट्रेनों के लिए तीन प्लेटफार्म खोल दिए गए हैं। रेलकर्मियों की शिफ्ट बढ़ा दी गई है। ट्रेनों को समय से चलाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। - पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे।


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