Move to Jagran APP

पुलिस ने अब मनिहारी में दी दबिश, पकड़ में नहीं आया शिक्षक

देवरिया जिले में अनुदानित विद्यालयों में फर्जी अनुमोदन पर शिक्षकों की नियुक्ति कर करोड़ों रुपये के हुए गोलमाल के मामले की विवेचना कोतवाली पुलिस ने शुरू कर दी है। कोतवाली पुलिस फरार शिक्षक की गिरफ्तारी के लिए सलेमपुर कोतवाली के मनिहारी पहुंची।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Wed, 14 Jul 2021 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 07:30 AM (IST)
पुलिस ने अब मनिहारी में दी दबिश, पकड़ में नहीं आया शिक्षक
फर्जी अनुमोदन पर शिक्षकों की नियुक्ति कर करोड़ों रुपये के गोलमाल में नहीं पकड़ा गया शिक्षक। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : देवरिया जिले में अनुदानित विद्यालयों में फर्जी अनुमोदन पर शिक्षकों की नियुक्ति कर करोड़ों रुपये के हुए गोलमाल के मामले की विवेचना कोतवाली पुलिस ने शुरू कर दी है। कोतवाली पुलिस फरार शिक्षक की गिरफ्तारी के लिए सलेमपुर कोतवाली के मनिहारी पहुंची, लेकिन आरोपित शिक्षक के न मिलने के चलते बैरंग लौटना पड़ा। उधर मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय के गायब होने के चलते पुलिस बयान दर्ज नहीं कर पा रही है। कोतवाली पुलिस व एसटीएफ की टीम आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।

loksabha election banner

19 लोग बनाए गए हैं मामले में आरोपित, सदर कोतवाल कर रहे विवेचना

लघु माध्यमिक विद्यालय मदरसन व सहदेव पूर्व माध्यमिक विद्यालय में फर्जी अनुमोदन के आधार पर हुई शिक्षकों की नियुक्ति व भुगतान के पर्दाफाश के बाद वित्त एवं लेखाधिकारी जगदीश लाल श्रीवास्तव समेत 19 लोग आरोपित बनाए गए हैं। विवेचना सदर कोतवाल राजू सिंह कर रहे हैं। फरार वित्त एवं लेखाधिकारी समेत अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी में टीम जुटी हुई है।

बीएसए कार्यालय पहुंचकर बयान दर्ज करने की तैयारी में पुलिस

एक से दो दिनों के अंदर कोतवाली पुलिस बीएसए कार्यालय पहुंच कर बयान दर्ज करने की तैयारी में है। बीएसए कार्यालय में तैनात लिपिक व अधिकारीपुलिस बयान दर्ज करेगी। कोतवाल राजू सिंह ने कहा कि फरार शिक्षकों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

विद्यालयों के प्रबंधक, प्रधानाचार्य व कुछ अन्य लोग भी बन सकते हैं आरोपित

अनुमोदन 2011-12 व भुगतान पांच साल बाद किया गया। भुगतान करने वाले तत्कालीन बीएसए भी अब जांच के घेरे में आ गए हैं। आखिर इतने लंबे समय बाद भुगतान कैसे हो गया। इसके अलावा जिन विद्यालयों के शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, उन विद्यालयों के प्रबंधक, प्रधानाचार्य व अन्य लोग भी आरोपित बन सकते हैं। इस मामले में पुलिस काफी तेजी से कार्रवाई कर रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.