अब यहां फिर से तैयार होने लगे फेसमास्क और फेसशील्ड, जानिए क्या है मामला Gorakhpur News
पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन अपने कर्मचारियों के लिए फिर से फेसमास्क फेसशील्ड सैनिटाइजर और पर्सनल प्रोटेक्टशन इक्यूपमेंट (पीपीई) किट बनाना शुरू कर दिया है। यांत्रिक कारखाने में फेसमास्क बनने लगे हैं। पेंट शाप स्थित ट्रिमिंग अनुभाग के कर्मचारी ड्यूटी के साथ फेसमास्क बनाने में जुट गए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन : पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन अपने कर्मचारियों के लिए फिर से फेसमास्क, फेसशील्ड, सैनिटाइजर और पर्सनल प्रोटेक्टशन इक्यूपमेंट (पीपीई) किट बनाना शुरू कर दिया है। यांत्रिक कारखाने में फेसमास्क बनने लगे हैं। पेंट शाप स्थित ट्रिमिंग अनुभाग के कर्मचारी ड्यूटी के साथ फेसमास्क बनाने में जुट गए हैं। हालांकि, बाजार में यह सभी सुरक्षा कवच उपलब्ध हैं, लेकिन रेलवे प्रशासन नहीं चाहता कि उसे बाजार से खरीदारी करनी पड़े।
कम लागत में कारखाने में तैयार हो जाएगी सामग्री
कम लागत में ही यह सभी सामग्री कारखाने में ही तैयार हो जाएगी। पिछले साल लाकडाउन के दौरान जब बाजार में भी फेसमास्क और सैनिटाइजर आदि उपलब्ध नहीं थे, उस समय रेलवे ने आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाते हुए कारखाने में ही पर्याप्त मात्रा में सभी उपकरण तैयार कर लिया। कोरोना की दूसरी लहर में तेजी के साथ बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने कोरोना से दो-दो हाथ करने के लिए फिर से अपनी तैयारियां फिर से तेज कर दी है। रेलकर्मियों और उनके स्वजन की सुविधा के लिए रेलवे अस्पताल स्थित 25 बेड वाले कोविड लेवल टू सेंटर में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए 68 मेडिकल स्टाफ की तैनाती कर ली गई है और 25 बेड बढ़ाने की तैयारी चल रही है।
वैक्सीन एक्सप्रेस चलाकर रेलकर्मियों को लगाए जा रहे टीके
कैंप लगाकर व वैक्सीन एक्सप्रेस चलाकर रेलकर्मियों को टीके लगाए जा रहे हैं। आम जनता के लिए गोरखपुर और नकहा जंगल सहित 14 रेलवे स्टेशनों पर खड़े कुल 217 कोविड कोचों (रक्षक कोचों) को दुरुस्त कराया जा रहा है ताकि, राज्य सरकार की मांग पर किसी भी विषम परिस्थित में रक्षक कोचों का उपयोग किया जा सके।
तीन मई तक बंद रहेंगे रेलवे के यांत्रिक और सिग्नल कारखाने
उत्तर प्रदेश में लगने वाले साप्ताहिक बंदी के चलते पूर्वोत्तर रेलवे के यांत्रिक कारखाने और सिग्नल कारखाने तीन मई तक बंद रहेंगे। चार मई को पूर्व निर्धारित समय से खुलेंगे। यांत्रिक कारखाने के मुख्य कारखाना प्रबंधक के अनुसार बंद के दौरान संबंधित कर्मचारी और अधिकारी बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। आवश्यकता पड़ने पर कर्मचारियों को बुलाया जा सकता है। सिग्नल कारखाना गोरखपुर छावनी के मुख्य कारखाना प्रबंधक ने प्रत्येक शनिवार और सोमवार को कारखाना बंद करने का निर्णय लिया है। उन्होंने इस आशय का दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।