Move to Jagran APP

अब पोस्‍टर के माध्‍यम से बच्‍चों को पढ़ाएंगे शिक्षक Gorakhpur News

बच्‍चों में रुचि पैदा करने के लिए प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों के शिक्षकों की पोस्टर प्रतियोगिता होगी। प्रतियोगिता का आयोजन एससीईआरटी के माध्यम से कराई जाएगी। प्रतियोगिता जिला एवं राज्य स्तर पर होगी। प्रतियोगिता में विभिन्न विषयों पर शिक्षक पोस्टर बनाएंगे।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 04:08 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 04:08 PM (IST)
अब पोस्‍टर के माध्‍यम से बच्‍चों को पढ़ाएंगे शिक्षक Gorakhpur News
परिषदीय स्‍कूलों के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में बच्‍चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक पोस्टर का सहारा लेंगे। पोस्टर बनाने का काम स्वयं शिक्षक करेंगे और इसी के जरिये ब'चों को रोचक अंदाज में पढ़ाएंगे। इसमें रुचि पैदा करने के लिए प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों के शिक्षकों की पोस्टर प्रतियोगिता होगी। प्रतियोगिता का आयोजन एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक शिक्षण एवं प्रशिक्षण अनुसंधान परिषद) के माध्यम से कराई जाएगी। प्रतियोगिता जिला एवं राज्य स्तर पर होगी। प्रतियोगिता में विभिन्न विषयों पर शिक्षक पोस्टर बनाएंगे। विजयी शिक्षकों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

loksabha election banner

प्रतियोगिता के बाद होगा मूल्‍यांकन

पोस्टर प्रतियोगिता के बाद उसका मूल्यांकन तीन विशेषज्ञों का पैनल करेगा। मूल्यांकन के बाद प्राथमिक व जूनियर से एक-एक शिक्षक के पोस्टर एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक शिक्षण एवं प्रशिक्षण अनुसंधान परिषद) पांच दिसंबर तक लखनऊ भेजे जाएंगे। राज्य स्तर पर चयनित शिक्षकों की अलग से प्रतियोगिता आयोजित होगी।

इस थीम पर पोस्टर बनाएंगे शिक्षक

पोस्टर बनाने के लिए निर्धारित थीम  में मेरा विद्यालय-मेरा अभिमान, सामाजिक सद्भाव, ग्राम शिक्षा समिति, स्थानीय पेशे एवं व्यवसाय, मेरा गांव-मेरी पहचान, मिशन शक्ति, हाथ धोना-बीमारी भगाना, दो गज की दूरी मास्क है जरूरी आदि शामिल हैं।र डायट के प्राचार्य डा. बीके सिहं का कहना है कि जनपद स्तर पर डायट द्वारा प्रतियोगिता कराई जाएगी। पोस्टर बीस गुणे तीस आकार का दो से तीन घंटे में बनाना होगा। प्रतियोगिता का उद्देश्य शिक्षा के स्तर में वृद्धि करना है।

पोस्‍टर के माध्‍यम से बच्‍चों में होगा ज्ञान

ऐसा माना जा रहा है कि पोस्‍टर के माध्‍यम से बच्‍चों में ज्ञानवर्धन होगा। शिक्षक ऐसे पोस्‍टर बनाएंगे जिससे बच्‍चों की उत्‍सुकता बनी रहे और वह उसका मतलब समझ सकें। बच्‍चों को यह बताया जाएगा कि पोस्‍टर में क्‍या है और उसकी क्‍या विशेषता है। यही कारण है पहले शिक्षकों में इसकी प्रतियोगिता कराई जा रही है। ताकि शिक्षक खुद समझ सकें कि पोस्‍टर का मतलब क्‍या है। उसके बाद छात्रों को पढ़ाया जाएगा। सरकार परषदीय स्‍कूलों के छात्रों को होनहार बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.