गोरखपुर में अब बस से फ्लाइट तक जा सकेंगे यात्री Gorakhpur News
यात्रियों को टर्मिनल से फ्लाइट तक पहुंचाने के लिए लो फ्लोर बसों का भी इंतजाम किया जा रहा है। एयरपोर्ट के लिए यह सुविधा अनिवार्य है। विमानन कंपनियों की ओर से बस का इंतजाम न करने पर एयरपोर्ट अथारिटी किराए पर बस लेकर सुविधा शुरू करेगी।
गोरखपुर, जेएनएन। हवाई सफर करने वालों के लिए अच्छी खबर है। गोरखपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों को टर्मिनल भवन से प्लेन तक अब पैदल नहीं जाना होगा। विमानन कंपनियों की लो फ्लोर बसें विमान तक ले जाएंगी। एयरपोर्ट निदेशक की पहल पर ऐसा इंतजाम किया जा रहा है। गोरखपुर एयरपोर्ट से इंडिगो, स्पाइस जेट और एयर इंडिया के नौ विमान रोजाना दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता व प्रयागराज के लिए उड़ान भरते हैं।
यात्रियों के साथ ही फ्लाइट की संख्या बढऩे पर गोरखपुर एयरपोर्ट सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। तीसरे टर्मिनल भवन के निर्माण की मंजूरी मिलने के बाद, पुराने टर्मिनल में सुविधाएं बढ़ाई जा रहीं हैं। 200 यात्रियों के बैठने के लिए लाउंज का विस्तार किया जा रहा है। शौचालय व अन्य जरूरी सेवाएं भी बढ़ाई जा रहीं हैं। बस सेवा न होने की वजह से टर्मिनल भवन से फ्लाइट तक यात्रियों को पैदल जाना पड़ता है। बरसात के समय बहुत परेशानी होती है। एयरपोर्ट निदेशक प्रभाकर बाजपेई ने बताया कि यात्रियों को टर्मिनल से फ्लाइट तक पहुंचाने के लिए लो फ्लोर बसों का भी इंतजाम किया जा रहा है। एयरपोर्ट के लिए यह सुविधा अनिवार्य है। विमानन कंपनियों की ओर से बस का इंतजाम न करने पर एयरपोर्ट अथारिटी किराए पर बस लेकर सुविधा शुरू करेगी। जिसका किराया विमानन कंपनियों से लिया जाएगा।
पहले भी हुई थी कवायद
सांसद रवि किशन की पहल पर एक साल पहले भी गोरखपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए फ्लोर बसें चलाने की कवायद हुई थी। एयरपोर्ट के अधिकारियों ने विमानन कंपनियों से पत्राचार किया लेकिन बस सेवा शुरू नहीं हुई।
बस स्टेशनों से कंप्यूटराज्ड टिकट सेवा बंद
बस स्टेशनों से कंप्यूटराइज्ड टिकट सेवा बंद होने से एसी बस के तत्काल और अग्रिम टिकट लेने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। मासिक सीजन टिकट बनवाने और उसका नवीनीकरण कराने वाले यात्री भी मुश्किल में हैं। बस में बैठने के बाद ही टिकटों की बुकिंग हो पा रही है। हालांकि, विभाग के वेबसाइट पर आनलाइन बुकिंग जारी है। दरअसल, परिवहन निगम और कंप्यूटराइज्ड टिकट सेवा देने वाली संस्था से करार समाप्त हो गया है। करार समाप्त होने के बाद निगम ने प्रदेश भर के स्टेशनों से संस्था के लोगों को हटा दिया है। संस्था के हटते ही कंप्यूटराइज्ड काउंटर ठप हो गए हैं। हालांकि, जानकारों का कहना है कि सेवा के तहत कार्य करने वाले प्राइवेट कर्मचारियों ने ही समय से मानदेय नहीं मिलने पर अपने हाथ खड़े कर लिए है। खैर, मामला जो भी हो। आम यात्रियों की समस्याएं तो बढ़ ही गई हैं।