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Gorakhpur AIIMS: एम्स में आपरेशन भी शुरू, प्रोस्टेट कैंसर के मरीज की पहली सर्जरी-अंतिम चरण में पहुंच चुका था कैंसर

कुशीनगर निवासी 65 वर्षीय रमाकांत यादव को पेट व उसके नीचे दर्द रहता था। उसने कई डाक्टरों से इलाज कराया। थक-हार कर वह एम्स पहुंचा था। सर्जरी की ओपीडी में डा. गौरव गुप्ता ने देखा तो कैंसर की आशंका जाहिर जो जांच के बाद पुष्ट हो गई।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 10:27 AM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 05:10 PM (IST)
Gorakhpur AIIMS: एम्स में आपरेशन भी शुरू, प्रोस्टेट कैंसर के मरीज की पहली सर्जरी-अंतिम चरण में पहुंच चुका था कैंसर
गोरखपुर एम्‍स भवन की फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। एम्स में शुक्रवार को आपरेशन शुरू हो गया। पहली बार कुशीनगर के प्रोस्टेट कैंसर के मरीज की सर्जरी की गई। कैंसर अंतिम चरण में था। अब मरीज की तबीयत स्थिर है। आपरेशन के कुछ देर बाद उसने भोजन किया। उसकी नियमित निगरानी की जा रही है।

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कुशीनगर निवासी 65 वर्षीय रमाकांत यादव को पेट व उसके नीचे दर्द रहता था। उसने कई डाक्टरों से इलाज कराया। थक-हार कर वह एम्स पहुंचा था। सर्जरी की ओपीडी में डा. गौरव गुप्ता ने देखा तो कैंसर की आशंका जाहिर जो जांच के बाद पुष्ट हो गई। तीन दिन पहले उसे एम्स के नान कोविड अस्पताल में भर्ती किया गया। शुक्रवार को कार्यकारी निदेशक डा. सुरेखा किशोर के निर्देशन में डा. गौरव गुप्ता व डा. आशीष जायसवाल ने आपरेशन किया। एनेस्थिसिया की डा. विजेता वाजपेयी, डा. प्रियंका द्विवेदी का सहयोग रहा। इस अवसर पर सर्जरी विभाग के डा. रवि गुप्ता, डा. धर्मेन्द्र पीपल, अस्थिरोग विभाग के डा. अजय भारती आदि उपस्थित थे।

कम हुआ संक्रमण तो होने लगे सामान्य मरीजों के आपरेशन

कोविड संक्रमण काल बीतने के बाद मरीजों को राहत मिलनी शुरू हो गई है। संक्रमण के दौरान इमरजेंसी छोड़कर हर प्रकार के आपरेशन टाल दिए गए थे। क्योंकि ओपीडी व आपरेशन थियेटर बंद थे। संक्रमण कम होने के बाद अब पुन: ओपीडी व आपरेशन थियेटर शुरू कर दिए गए हैं। सामान्य मरीज भर्ती होने लगे हैं। आपरेशन की गति तेज हो गई है। जिला अस्पताल में मई में मात्र नौ आपरेशन हुए थे। जून में इनकी संख्या बढ़कर 98 हो गई है। जिला महिला अस्पताल में भी सिजेरियन (आपरेशन से प्रसव) की संख्या बढ़ी है। पिछले साल कोरोना संक्रमण काल में पुरुषों की विभिन्न बीमारियों के आपरेशन अप्रैल, मई जून में सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। लेकिन प्रसव के मामलों में सामान्य दिनों की अपेक्षा बहुत ज्यादा अंतर नहीं आया था। केवल मई में मात्र 89 सिजेरियन हुए। अन्य महीनों में इनकी संख्या 130 से ज्यादा थी। जबकि सामान्य दिनों में लगभग 200 या इससे ज्यादा सिजेरियन होते हैं।

पिछले साल जनवरी, फरवरी व मार्च में संक्रमण नहीं था। 24 मार्च को लाकडाउन लग गया था। इसके बाद पुरुषों के आपरेशन में बहुत ज्यादा कमी आई थी। अप्रैल में मात्र आठ व मई में सिर्फ चार आपरेशन हुए थे। जबकि सामान्य दिनों में एक माह में दो सौ से ज्यादा आपरेशन होते हैं। इस साल भी संक्रमण के चलते मई में मात्र नौ आपरेशन ही हो पाए। संक्रमण बीता और सामान्य मरीजों के लिए आपरेशन थियेटर खुला तो जून में 78 आपरेशन हो गए। मरीजों को अब राहत मिलने लगी है।


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