North Eastern Railway: अब सादे ड्रेस में दिखेंगे कोच कंडक्टर और टिकट परीक्षक
कोट की धुलाई रोजाना नहीं हो पाती। ऐसे में कार्य स्थल के अलावा घर पर भी संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ गई थी। ऐसे टीटीई को सिर्फ सफेद शर्ट और काला पैंट पहनकर ड्यूटी करने की इजाजत दी गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे स्टेशनों पर और ट्रेनों में अब काला कोट पहने रेलकर्मी नहीं दिखेंगे। संक्रमण से बचाव के लिए रेलवे बोर्ड ने चल टिकट परीक्षकों (टीटीई) के कोट की अनिवार्यता समाप्त कर दी है।
दरअसल, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड ने सभी वातानुकूलित बोगियों से पर्दा हटा दिया है। यात्रियों को बेडरोल (कंबल, चादर, तकिया और तौलिया आदि) भी देना बंद कर दिया है। ट्रेनों में सिर्फ पैक्ड फूड ही दिया जा रहा है। अब टीटीई के कोट पहनने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
जानकारों का कहना है कि कोट की धुलाई रोजाना नहीं हो पाती। ऐसे में कार्य स्थल के अलावा घर पर भी संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ गई थी। ऐसे टीटीई को सिर्फ सफेद शर्ट और काला पैंट पहनकर ड्यूटी करने की इजाजत दी गई है। रेलवे बोर्ड के इस फरमान से टीटीई ने प्रसन्नता जताई है।
संक्रमण से बचाव को देखते हुए जल्द ही टीटीई को आटोमेटिक टिकट जांच मशीन एचएचटी (हैंड हेल्ड टर्मिनल) भी उपल्ब्ध करा दी जाएगी। इस मशीन से वे बिना छूए ही टिकट की जांच कर लेंगे। मशीन से ही टिकट भी बुक हो जाएंगे। जुर्माना भी कट जाएगा।
साथ ही यात्रियों का बर्थ भी आवंटित हो जाएगा। भारतीय रेलवे में इस मशीन की शुरुआत हो चुकी है। जल्द ही पूर्वोत्तर रेलवे के चल टिकट जांच परीक्षकों को भी यह मशीन उपलब्ध कराई जाएगी।