अब गोरखपुर विश्वविद्यालय में होगी बीएससी (एजी) व एमएससी (एजी) की भी पढ़ाई Gorakhpur News
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में बहुत जल्द बीएससी (एजी) और एमएससी (एजी) की पढ़ाई भी होगी। कोर्स का प्रारूप इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के मार्गदर्शन में गठित समिति ने तैयार कर लिया है। दोनों कोर्स का संचालन सेल्फ फाइनेंस मोड में होगा।
गोरखपुर, जेएनएन : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में बहुत जल्द बीएससी (एजी) और एमएससी (एजी) की पढ़ाई भी होगी। कोर्स का प्रारूप इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के मार्गदर्शन में गठित समिति ने तैयार कर लिया है। दोनों कोर्स का संचालन सेल्फ फाइनेंस मोड में होगा। यह महत्वपूर्ण निर्णय विश्वविद्यालय के संवाद भवन में आयोजित विद्या परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। कुलपति प्रो. राजेश सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में 10 महत्वपूर्ण निर्णयों पर भी विचार-विमर्श के बाद मुहर लगी।
विश्वविद्यालय में बंद नहीं होगा प्राइवेट विद्यार्थियों का प्रवेश
बैठक में सर्वसम्मति से राजर्षि टंडन विश्वविद्यालय की ओर से राजभवन को लिखे गए उस प्रस्ताव को खारिज किया गया, जिसमें राज्य विश्वविद्यालयों में प्राइवेट विद्यार्थियों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने की मांग की गई थी। परिषद के सदस्यों ने एक स्वर से निर्णय लिया कि विश्वविद्यालय में प्राइवेट विद्यार्थियों का प्रवेश बंद नहीं होगा। इस दौरान गुणवत्तापूर्ण शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए सीबीसीएस प्रणाली पर आधारित प्री-पीएचडी कोर्स का खाका भी विभिन्न संकायाध्यक्षों की ओर से प्रस्तुत किया गया।
पहली बार होगा फिलासफी एंड विजन आफ पंडित दीनदयाल कोर्स का संचालन
विद्या परिषद की बैठक के दौरान कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने बताया कि गोरखपुर विश्वविद्यालय ऐसा पहला विश्वविद्यालय है, जहां फिलासफी एंड विजन आफ पंडित दीनदयाल कोर्स का संचालन होगा। तीन क्रेडिट के कोर्स को विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए तैयार किया गया है। यह कोर्स स्नातक या परास्नातक या फिर दोनों के विद्यार्थियों के लिए होगा, इसका फैसला संबंधित विभाग को करना होगा। कोर्स का ऐसा माडल ऐसा तैयार किया गया है, जो दूसरे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को भी आकर्षित करेगा।
वूमेन स्टडी सेंटर को मिली मंजूरी
बैठक में विश्वविद्यालय में प्रस्तावित वूमेन स्टडी सेंटर के प्रस्ताव को भी विद्या परिषद से मंजूरी मिल गई। इसे शासन के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। साथ ही चुनौती, मूल्यांकन, यूजीसी स्वयं प्लेटफार्म और एक वर्षीय अंडर स्टैंडिंग हैरिटेज डिप्लोमा पाठ्यक्रम को भी लागू करने पर भी मंथन हुआ।
नाथ पंथ पर सर्टिफिकेट, डिग्री और डिप्लोमा कोर्स को मिली मंजूरी
भूगोल, हिंदी और दर्शनशास्त्र विभाग की ओर से नाथ पंथ पर तैयार किए गए सर्टिफिकेट, डिग्री और डिप्लोमा कोर्स को भी विद्या परिषद ने अपनी मंजूरी दी है। इन पाठ्यक्रमों के प्रारूप को संबंधित विभागों के अध्यक्षों ने प्रस्तुत किया।
52 टापरों को मिलेगा स्वर्ण पदक
विश्वविद्यालय में 12 अप्रैल को प्रस्तावित दीक्षा समारोह के दौरान दिए जाने वाले पदकों और उपाधि को भी विद्या परिषद ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी। समारोह में 52 मेधावियों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक और 78 स्मृति पदक प्रदान किया जाएगा। इनमें 38 छात्राएं और 13 छात्र शामिल हैं। इसके साथ ही साथ 155 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की जाएगी। ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ स्वर्ण पदक प्रदान करने के लिए गठित समितियों की संस्तुति पर भी मुहर लगी है।