टिकटों की बुकिंग ही नहीं रेल पटरियों की ऑनलाइन मरम्मत भी कराएगा रेलवे, जानें- कैसे ? Gorakhpur News
रेलवे अब टिकटों की बुकिंग ही नहीं रेल पटरियों की ऑनलाइन मरम्मत भी कराने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए पूरा सिस्टम ऑनलाइन कर लिया गया है।
गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। टिकटों की बुकिंग हो या रेल लाइनों (पटरियों) की मरम्मत। निर्माण कार्य हों या ट्रेनों का संचलन। रेलवे की पूरी व्यवस्था पारदर्शी हो रही है। अब कोई बहाना और लापरवाही भी नहीं चलेगी। कर्मचारियों को रजिस्टर बनाने से भी मुक्ति मिलेगी। यानी, फाइलों का झंझट समाप्त। अधिकारियों को भी अपने मातहतों से कुछ पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सारा सिस्टम ऑनलाइन हो गया है। सिर्फ एक क्लिक पर संबंधित जानकारियां और सूचनाएं सामने होंगी।
16 नए साफ्टवेयर एप्लीकेशन तैयार
इसके लिए रेलवे ने 16 नए साफ्टवेयर एप्लीकेशन तैयार किया है। जिसमें पटरियों की कुंडली भी शामिल है। यह सभी एप्लीकेशन भारतीय रेलवे में एक साथ लागू हो गए हैं। नई व्यवस्था के तहत एप्लीकेशनों में संबंधित सामग्रियां और सूचनाएं लोड कर दी गई है। संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को उसे अपडेट करते रहना है। कहीं भी किसी भी बिंदु पर लापरवाही हुई या उदासीनता बरती गई तो वह पकड़ में आ जाएगी। असर यह है कि पूर्वोत्तर रेलवे सहित भारतीय रेलवे से हजारों निरीक्षण फाइलें बंद हो गई हैं। सभी रिपोर्ट सिस्टम पर अपलोड हो गए हैं। मैनुअल या तकनीकी खामियों पर तत्काल कार्रवाई हो रही है। सिस्टम के जरिये पटरियों का पूरा लेखा-जोखा मिल जा रहा। रेल लाइन कब बिछाई गई। उसकी स्थिति क्या है। वजन कितना है। लाइन की जांच कब हुई। मरम्मत कब हुई आदि। यानी, सुरक्षा और संरक्षा से कोई समझौता नहीं।
यह हैं नए एप्लीकेशन
आइआरटीएमएस, आइआर टीएमएसकॉन, आइआरपीएसएम, आइआरसीएएस, आइआर आरएलसीएएस, आइआरपीएसएएमएस, आइआरएलआरएसबीबी, आइआर एलएएमएस, आइआर बीएमएस, आइआर बीएसएमएस, आइआर टीएससी, आइआर डब्लूएससी, आइआरबीएससी, आइआरसीआरएस, आइआरओसीएएमएस और वेल्डिंग एंड यूटी एजेंसीज।
व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए रेलवे निरंतर नए कार्य कर रहा है। इन एप्लीकेशनों के माध्यम से कार्य की गति में तेजी आएगी। मानीटरिंग भी और बेहतर तरीके से होगी। - पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे