अन्न का एक भी दाना बेकार न जाने पाए,हम सब मिलकर करें प्रयास
बस्ती जिले में कृषि विज्ञान केंद्र बंजरिया में विश्व खाद्य दिवस का आयोजन किया गया। विज्ञानियों ने कहा कि विश्व खाद्य दिवस का आयोजन वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा शुरू किया गया था। तब से प्रति वर्ष यह वार्षिक उत्सव मनाया जाता है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बस्ती जिले में कृषि विज्ञान केंद्र बंजरिया में विश्व खाद्य दिवस का आयोजन किया गया। विज्ञानियों ने कहा कि विश्व खाद्य दिवस का आयोजन वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा शुरू किया गया था। तब से प्रति वर्ष यह वार्षिक उत्सव मनाया जाता है। इसका उद्देश्य भूख तथा गरीबी के पीछे की समस्याओं और कारणों की चेतना और ज्ञान के बारे में जागरूकता लाना है। एक भी अन्न बेकार न जाने पाए,इसके लिए हम सबको संकल्पित होना होगा।
सभी को उपलब्ध कराना होगा पोषक भोजन
केंद्र के अध्यक्ष डा.एसएन सिंह ने कहा कि इस दिवस को खाद्य इंजीनियर दिवस भी कहा जाता है। इसमें देश के सभी नागरिकों को कृषि के महत्व, उत्पादन एवं उपयोग किए जाने वाले भोजन को कैसे सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक बनाए रखना है, के बारे में जागरूकता लाना है। प्रत्येक व्यक्ति तक स्वास्थ्यवर्धक पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए सभी नागरिकों को अपने दायित्वों को समझना होगा।
शादी-ब्याह के आयोजनों में बेकार न फेंके अन्न
घरों में शादी-विवाह, पार्टी में अन्न बेकार न फेकें। एक-एक अन्न की कीमत होती है, जो किसी भूखे व्यक्ति का पेट भर सकती है। उन्होंने लोगों से जैविक खेती एवं कृषि आधारित व्यवसाय को अपनाने का आह्वान किया।
हर जीव को होती है पोषणयुक्त भोजन की आवश्यकता
डा. डीके श्रीवास्तव ने कहा कि धरती पर जितने भी जीव हैं, सभी को जीवन निर्वाह एक पोषण युक्त स्वास्थ्यवर्धक आवश्यक भोजन की आवश्यकता होती है। डा. बीना सचान ने कहा कि महिलाएं घर की अन्नपूर्णा एवं लक्ष्मी होती है। इसीलिए इनके कंधों पर परिवार के स्वास्थ्य एवं पोषण युक्त आहार की व्यवस्था की जिम्मेदारी ज्यादा होती है।
भोजन सभी की मूलभूत आवश्यकता
डा. आरवी सिंह ने कहा कि भोजन सभी की मूलभूत आवश्यकता है। इसलिए आवश्यक है कि सभी को अन्न की महत्ता को समझते हुए कृषि के व्यवसाय से जुड़ने एवं उसे संरक्षित करने में अपना पूरा योगदान देने की जरूरत है। इस दौरान निखिल सिंह, जेपी शुक्ल, बनारसी लाल आदि उपस्थित रहे।