गजब : यूपी के इस थाने में पांच वर्ष में एक भी FIR नहीं Gorakhpur News
यूपी में एक ऐसा भी थाना है जहां पिछले पांच वर्ष से किसी गंभीर मामले का एक भी एफआइआर दर्ज नहीं है।
गोरखपुर, जेएनएन। यूपी और बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर आए दिन हो हल्ला होता है लेकिन यूपी में एक ऐसा भी थाना है जहां पिछले पांच वर्ष से किसी गंभीर मामले का एक भी एफआइआर दर्ज नहीं है। यहां कोई अपराध न होने से पुलिस कर्मियों के लिए यहां काम न के बराबर होता है इसलिए कोई भी पुलिस कर्मी यहां अपनी पोस्टिंग को कालापानी के रूप में देखता है। केवल आबकारी और एमवी एक्ट के ही कुछ मामले सामने आए। जीडी में हत्या, लूट, डकैती व फिरौती के एक भी मुकदमे नहीं लिखे गए।
इस वर्ष एनसीआर तक दर्ज नहीं
तीन गांव के इस थाने पर आम लोग भी जाना पसंद नहीं करते। मुकदमा दर्ज करने के लिए महीने बीत जाते हैं। इस थाने में 43 आबकारी व एमवीएक्ट के मुकदमे लिखे गए। इस वर्ष यहां एनसीआर तक नहीं दर्ज हुई। गुंडा, गैंगस्टर, इनामी और वांछित बदमाशों का कालम वर्षों से खाली हैं।
बाढ़ के समय पूरे जिले से कट जाता है थाने का संपर्क
क्षेत्र में शांति रहने की वजह से पीस कमेटी की बैठक, पैदल गश्त, बैंक चेकिंग और गश्त जैसे पुलिस की ड्यूटी भी नहीं लगती। यूपी-बिहार की सीमा पर जंगल पार्टी के आंतक को खत्म करने के लिए शासन के निर्देश पर वर्ष 2003 में महराजगंज जिले के सोहगीबरवा थाने की स्थापना की गई थी। थाने में एक सब इंस्पेक्टर, एसएसआई व आठ कांस्टेबल की ड्यूटी है। बाढ़ के समय में थाने का संपर्क पूरे जिले से कट जाता है।
बिहार की सीमा से होकर जाता है थाने का रास्ता
थाने की गाड़ी खड़ी हो जाती है। तीन गांव के इस थाने में अपराध नहीं के बराबर है। जिसकी वजह से पांच वर्षों में एक भी आपराधिक मुकदमे दर्ज नहीं हुए। थाने पर पहुंचने के लिए कुशीनगर के खड्डा से होते हुए बिहार के पश्चिमी चंपारन के नौरंगिया से होकर जाना पड़ता है। नेपाल के रास्ते जाने के लिए एसपी के स्कोर्ट को भी निचलौल के झुलनीपुर पुलिस चौकी पर असलहा जमा करना पड़ जाता है।
भौगोलिक दृष्टि से संवेदनशील है यह थाना
एसपी रोहित सिंह सजवान ने बताया कि भौगोलिक दृष्टि से थाना संवेदनशील है। अपराध काफी कम है। सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में फोर्स तैनात है।