पूर्वोत्तर रेलवे ने भेजे 92 लाख मैसेज, जानें- क्या हुआ इसका असर Gorakhpur News
ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे प्रशासन अब तक लोगों को 9261200 एसएमएस भेज चुका है।
गोरखपुर, जेएनएन। आखिरकार, पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की पहल रंग लाई है। इस वर्ष जनवरी से दिसंबर तक काठगोदाम से छपरा तक और इलाहाबाद से पनियहवा तक एक भी रेल दुर्घटना नहीं हुई है। जबकि, वर्ष 2017-18 में चार और 2018-19 में पांच रेल दुर्घटनाएं हुई थीं। भारतीय रेलवे स्तर पर भी वर्ष 2014-15 में 135 दुर्घटनाएं हुई थी। इस वर्ष यह आंकड़ा घटकर 50 पर सिमट गया है।
जागरूकता अभियान चला रहा है रेलवे
फिलहाल, दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे प्रशासन अब तक 9261200 एसएमएस भेज चुका है। यानी, इतने लोगों के पास रेलवे का जनजागरूकता संदेश पहुंचा है। तीनों मंडल के समपारों पर 3323 जन जागरूकता अभियान चलाए गए हैं। संरक्षा से संबंधित पोस्टर व हैंडबिल बांटे गए हैं। विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक किया गया। कोहरे के मौसम में फुट प्लेटिंग और पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई। दरअसल, रेल मंत्रालय की पहल पर दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए रेल प्रशासन 2018 से ही प्रयासरत है।
13 बच्चों की मौत के बाद शुरू हुआ अभियान
26 अप्रैल को तमकुही रोड और दुदही स्टेशन के बीच अनमैंड क्रासिंग पर हुई भीषण दुर्घटना में 13 नौनिहाल असमय काल के गाल में समा गए। कुशीनगर जिले की इस इस हृदयविदारक घटना ने पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन सहित रेल मंत्रालय तक की आंखें खोल दी। देश भर के अनमैंड क्रासिंग बंद होने लगीं। एक वर्ष में पूर्वोत्तर रेलवे ने सभी अनमैंड क्रासिंग (मानव रहित) को व्यवस्थित कर दिया है। अब तो भारतीय रेलवे से ही अनमैंड क्रासिंग लगभग पूरी तरह गायब हो गई हैं।