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पूर्वोत्तर रेलवे के कर्मचारी अब किसी भी अस्पताल में करा सकेंगे इलाज Gorakhpur News

सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह के अनुसार समस्त रेलकर्मियों को संबंधित अस्पतालों से उम्मीद कार्ड जारी किया जा रहा है। कार्ड में रेलकर्मी का समस्त विवरण दर्ज रहता है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 05:40 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 05:40 PM (IST)
पूर्वोत्तर रेलवे के कर्मचारी अब किसी भी अस्पताल में करा सकेंगे इलाज  Gorakhpur News
पूर्वोत्तर रेलवे के कर्मचारी अब किसी भी अस्पताल में करा सकेंगे इलाज Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे के कर्मचारी, सेवानिवृत्त कर्मी और उनके परिजन अब किसी भी रेलवे अस्पताल में अपना इलाज करा सकेंगे। गंभीर बीमारी वाले मरीज जरूरत पडऩे पर घर से ही संबंधित चिकित्सकों से आनलाइन परामर्श ले सकते हैं। इस सुविधा के लिए समस्त रेलवे अस्पतालों में हास्पिटल इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (एचआइएमएस) लागू किया जा रहा है।

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सिर्फ उम्‍मीद कार्ड दिखाने की जरूरत

नई व्यवस्था के तहत एचआइएमएस के जरिये रेलवे के समस्त अस्पताल आपस में आनलाइन जुड़ जाएंगे। रेलकर्मी अपना उम्मीद कार्ड दिखाकर कहीं भी इलाज करा सकते हैं। अस्पतालों में इलाज कराने वाले सभी मरीजों का विवरण एचआइएमएस में लोड कर दिया जाएगा। मरीज के रोग की पूरी हिस्ट्री, चल रहे इलाज, पूर्व में किए गए उपचार, चल रही दवाइयां, जांच रिपोर्ट आदि सिस्टम में सुरक्षित रहेगा। सिस्टम के तहत आडटडोर या इनडोर मरीजों को आनलाइन टोकन जारी कर दिया जाएगा। मरीज टोकन के जरिये संबंधित चिकित्सक से संपर्क कर परामर्श ले सकते हैं।

मरीज घर बैठे ले सकते हैं रेलवे के संबंधित चिकित्सक से परामर्श

चिकित्सक रोगी का आनलाइन विवरण देखकर सलाह दे सकते हैं। दवा लिखकर संबंधित कर्मी को आनलाइन फारवर्ड भी कर देंगे। यानी, मरीज को दवा की भी पर्ची नहीं लिखवानी पड़ेगी। फिलहाल यह व्यवस्था लखनऊ मंडल के बादशाहनगर, गोंडा व ऐशबाग अस्पताल में लागू हो गई है। वाराणसी और इज्जतनगर मंडल के चिकित्सालयों में जल्द ही लागू हो जाएगा। गोरखपुर में भी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

अस्पतालों से जारी हो रहा उम्मीद

मुख्य जनसपंर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार समस्त रेलकर्मियों को संबंधित अस्पतालों से उम्मीद कार्ड जारी किया जा रहा है। कार्ड में रेलकर्मी का समस्त विवरण दर्ज रहता है। एचआइएमएस में कार्ड का कोड डालते ही संबंधित रेलकर्मी का पूरा विवरण सामने आ जा जाएगा। इसके बाद रेलकर्मी को आनलाइन टोकन जारी हो जाएगा। जिसके माध्यम से इलाज चलता रहेगा। गोरखपुर में 80 फीसद कर्मियों का कार्ड बन चुका है। जबकि, लखनऊ में 75, वाराणसी में 95 तथा इज्जतनगर मंडल में 90 फीसद कर्मियों का उम्मीद कार्ड बन गया है।


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