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यहां पर नई रेल लाइन के लिए नहीं मिला धन, जानें-क्या है असली कारण

गोरखपुर में बांसगांव के रास्ते सहजनवा-दोहरीघाट और लालगंज जबकि आजमगढ़ के रास्ते वाराणसी और गोरखपुर के बीच रेल लाइन के लिए धन नहीं मिला पाया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 11:32 AM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 11:32 AM (IST)
यहां पर नई रेल लाइन के लिए नहीं मिला धन, जानें-क्या है असली कारण
यहां पर नई रेल लाइन के लिए नहीं मिला धन, जानें-क्या है असली कारण

गोरखपुर, जेएनएन। आम बजट में रेल बजट समाहित होने के बाद से नई परियोजनाएं और ट्रेनें गायब हैं। पहले से चल रहीं कुछ परियोजनाओं को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर सर्वे के नाम पर लटकी हैं। नई योजनाएं और ट्रेनें नहीं मिलने से पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन और पूर्वाचल के लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।

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बजट में बांसगांव के रास्ते सहजनवां-दोहरीघाट और लालगंज, आजमगढ़ के रास्ते वाराणसी और गोरखपुर के बीच नई रेल लाइन के नाम पर एक फूटी कौड़ी नहीं मिली है। यह तब है जब सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजा जा चुका है। रेल मंत्रालय ने इसके लिए 743.55 करोड़ रुपये प्रस्तावित भी कर दिए हैं। यही नहीं पिछड़े क्षेत्र के लोगों के लिए प्रस्तावित महराजगंज के रास्ते आनंदनगर-घुघली नई रेल लाइन के लिए भी इस बार कुछ नहीं है। यातायात की दृष्टि से पिछड़े क्षेत्र में बौद्ध परिपथ के नाम पर भी कुछ खास नहीं है। जबकि, 2017-18 में 39 लाख का बजट मिला था। परियोजना को स्वीकृति मिलने के बाद एक बार फिर पडरौना-कुशीनगर-गोरखपुर और कुशीनगर-कपिलवस्तु नेपाल के बीच नई रेल लाइन के लिए टोह इंजीनियरिग एवं यातायात सर्वेक्षण की स्वीकृति मिली है। महत्वपूर्ण भिनगा-श्रावस्ती-बलरामपुर-उतरौला-डुमरियागंज के रास्ते बहराइच-खलीलाबाद नई रेल लाइन के लिए दस करोड़ मिले हैं, जो ऊंट के मुंह में जीरा समान हैं। दो मार्च 2019 को रेलमंत्री पीयूष गोयल ने बहराइच-खलीलाबाद 210 किमी नई रेल लाइन की नींव रखी थी। निर्माण के लिए कैबिनेट में 4940 करोड़ रुपये का बजट भी प्रस्तावित है। इसके अलावा बस्ती-फैजाबाद, बांसी के रास्ते कपिलवस्तु-बस्ती, गोरखपुर के रास्ते पडरौना-कुशीनगर के बीच नई लाइन और जरवल-गोंडा के बीच तीसरी लाइन के लिए सर्वे का झुनझुना मिला है। बजट सत्र में सदर सांसद रवि किशन शुक्ल ने संसद में गोरखपुर से दिल्ली, मुंबई, पुणे और पुरी के लिए नई ट्रेनों की मांग की थी, लेकिन कोई आश्वासन नहीं मिला।

जिंदा हैं भारत-नेपाल रेल लाइन की उम्मीदें

रेल मंत्रालय, भारत और नेपाल के बीच रेल लाइन बिछाकर रिश्ते को मजबूत करने की उम्मीदें अभी जिंदा रखे है। पूर्वोत्तर रेलवे के बढ़नी से काठमांडू के बीच 359 किमी नई रेल लाइन के लिए सर्वे के लिए धन दिया है। 2015-16 के रेल बजट में पहली बार तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने सर्वे का प्रस्ताव पास किया था। इसके अलावा नेपालगंज रोड- नेपालगंज और नौतनवा-भैरहवा के बीच नई रेल लाइन के लिए सर्वे के लिए धन मिला है। हालांकि, इन तीनों रेल लाइनों का सर्वे पहले ही हो चुका है।

गोरखपुर से वाल्मीकिनगर के बीच दोहरी लाइन को हरी झंडी

गोरखपुर से वाल्मीकिनगर लगभग 100 किमी रेल लाइन का विद्युतीकरण हो चुका है। हालांकि, अभी इलेक्ट्रिक इंजन से गाड़ियां नहीं दौड़ रही हैं। बजट में गोरखपुर से वाल्मीकिनगर के बीच दोहरी लाइन बिछाने के लिए सर्वे के प्रस्ताव को हरी झंडी मिली है।

बाईपास रेल लाइन के लिए नया सर्वेक्षण

पूर्वोत्तर रेलवे में पहली बार बाई पास रेल लाइन के लिए सर्वे की स्वीकृति मिली है। बजट में औंड़िहार-छपरा-गोरखपुर-फेफना-गोंडा और कासगंज रेल लाइन पर बाइपास के लिए भी धन मिला है।

इन कार्यो के लिए मिला बजट

- नई लाइन निर्माण - 226.30 करोड़।

- गेज कनवर्जन - 255.10 करोड़।

- दोहरी लाइन - 902.00 करोड़

- संरक्षा कार्य (आरओबी/अंडर ब्रिज वर्क) 176.63 करोड़।

- रेलपथ नवीकरण - 457.00 करोड़।

- कर्मचारी कल्याण- 41.24 करोड़

- पैसेंजर्स एमिनिटीज - 186.17 करोड़।

पिछले बजट में नहीं हुई नई रेल लाइन व ट्रेनों पर चर्चा

एक फरवरी 2019 को पेश बजट में भी पुरानी परियोजनाओं पर केंद्रित रहा। दुर्घटनाओं की कमी पर चर्चा जरूर हुई, लेकिन नई रेल लाइनों को पूरा करने का संकल्प नहीं दिखा। पूर्वोत्तर रेलवे को नई रेल लाइन, आमान परिवर्तन, दोहरीकरण, विद्युतीकरण और यात्री सुविधाओं के लिए अलग-अलग बजट मिला था। इसबार का बजट भी लगभग समान ही है। नई रेल लाइन निर्माण के नाम पर सिर्फ 426 करोड़ का बजट था।

पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि बजट में सहजनवां-दोहरीघाट, पडरौना-कुशीनगर, कपिलवस्तु-बस्ती और आनंदनगर-घुघली नई रेल लाइन के लिए दस-दस लाख मिले हैं। लेकिन यह धन आवश्यक प्रक्रिया पूरी होने व मंजूरी मिलने के बाद ही खर्च होंगे। चल रही परियोजनाओं के लिए पर्याप्त धन मिला है।


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