इस अस्पताल में किसी डाक्टर के पास डिग्री नहीं, 12 साल से हो रहा था मरीजों का इलाज
यह अस्पताल कस्बे में 12 वर्ष से चल रहा था। मरीज भर्ती हो रहे थे और उनका आपरेशन भी हो रहा था। पर किसी डाक्टर के पास डिग्री नहीं थी।
By Edited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 08:30 AM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 09:41 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। जिला अधिकारी के निर्देश पर रात्रि साढ़े नौ बजे निजी अस्पतालों की जांच की गई। इस दौरान पाया गया कि पिछले 12 वर्ष से संचालित विराट नामक अस्पताल में कोई डाक्टर ही नहीं है। जिन डाक्टरों के बारे में जानकारी ली गई, उनके पास डाक्टर की डिग्री ही नहीं थी। यह वाकया कुशीनगर जिले के तमकुही राज कस्बे की है। कुशीनगर जिले के तमकुहीराज के उपजिलाधिकारी अर¨वद कुमार व पुलिस क्षेत्राधिकारी राणा महेंद्र प्रताप सिंह के संयुक्त नेतृत्व में कस्बे के गो¨वद नगर कालोनी में संचालित विराट हास्पिटल पर छापेमारी की गई।
यह अस्पताल पिछले 12 साल से संचालित है और हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में यहां पर मरीजों का आपरेशन भी किया जाता रहा। जांच में सिर्फ अनियमितताएं मिली। वह कहीं से भी मानक के अनुरूप नहीं था। अधिकारी हैरत में थे कि बिना डाक्टर के अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने और उनका आपरेशन करने का अवैध कारोबार कस्बे में चल रहा था। बहरहाल अधिकारियों ने विराट हास्पिटल को तत्काल सील कर दिया गया। उसके बाद संचालक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया। इस कार्रवाई से अस्पताल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। एसडीएम ने बताया कि डीएम द्वारा छापेमारी का निर्देश दिया गया है।
इसी क्रम में जांच में अस्पताल में भर्ती कुल चार मरीजों क्रमश: जानकी देवी 50 वर्ष ग्राम सिसवनिया कोईर पट्टी, तेतरी देवी 55 वर्ष ग्राम धुरिया कोट तमकुही, रमिता देवी 25 वर्ष का आपरेशन किया गया था। आपरेशन थियेटर मानक के अनुकूल नहीं मिला। एसडीएम ने बताया कि अस्पताल प्रबंधक विजय कुमार ठाकुर से फोन पर एक्सपर्ट डाक्टर के बारे में पूछताछ की गई तो उसने बताया कि डाक्टर नहीं हैं। फोन से बुलाने पर प्रबंधक आनाकानी करने लगा। कर्मचारियों से पूछताछ में जानकारी मिली कि कि उनके पास कोई डिग्री नहीं है। अस्पताल में साफ-सफाई का अभाव था व नियम विरुद्ध तरीके से अस्पताल संचालित किया जा रहा है।
चौकी इंचार्ज तमकुहीराज संजय कुमार ¨सह द्वारा अस्पताल सीज कराया व एसओ को एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई का निर्देश दिया गया। सीएचसी तमकुही के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. अभिषेक वर्मा के निर्देश पर उक्त फर्जी अस्पताल में भर्ती मरीजों को तत्काल जिला अस्पताल भेजकर भर्ती कराया गया।
यह अस्पताल पिछले 12 साल से संचालित है और हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में यहां पर मरीजों का आपरेशन भी किया जाता रहा। जांच में सिर्फ अनियमितताएं मिली। वह कहीं से भी मानक के अनुरूप नहीं था। अधिकारी हैरत में थे कि बिना डाक्टर के अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने और उनका आपरेशन करने का अवैध कारोबार कस्बे में चल रहा था। बहरहाल अधिकारियों ने विराट हास्पिटल को तत्काल सील कर दिया गया। उसके बाद संचालक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया। इस कार्रवाई से अस्पताल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। एसडीएम ने बताया कि डीएम द्वारा छापेमारी का निर्देश दिया गया है।
इसी क्रम में जांच में अस्पताल में भर्ती कुल चार मरीजों क्रमश: जानकी देवी 50 वर्ष ग्राम सिसवनिया कोईर पट्टी, तेतरी देवी 55 वर्ष ग्राम धुरिया कोट तमकुही, रमिता देवी 25 वर्ष का आपरेशन किया गया था। आपरेशन थियेटर मानक के अनुकूल नहीं मिला। एसडीएम ने बताया कि अस्पताल प्रबंधक विजय कुमार ठाकुर से फोन पर एक्सपर्ट डाक्टर के बारे में पूछताछ की गई तो उसने बताया कि डाक्टर नहीं हैं। फोन से बुलाने पर प्रबंधक आनाकानी करने लगा। कर्मचारियों से पूछताछ में जानकारी मिली कि कि उनके पास कोई डिग्री नहीं है। अस्पताल में साफ-सफाई का अभाव था व नियम विरुद्ध तरीके से अस्पताल संचालित किया जा रहा है।
चौकी इंचार्ज तमकुहीराज संजय कुमार ¨सह द्वारा अस्पताल सीज कराया व एसओ को एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई का निर्देश दिया गया। सीएचसी तमकुही के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. अभिषेक वर्मा के निर्देश पर उक्त फर्जी अस्पताल में भर्ती मरीजों को तत्काल जिला अस्पताल भेजकर भर्ती कराया गया।
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