रोडवेज की बसों में यात्रा करना जोखिम भरा कार्य, जिम्मेदारों को सुधि नहीं Gorakhpur News
रोडवेज की बसों में सुरक्षित और समय से यात्रा करने की बात अब बेमानी हो रही है।
By Edited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 07:01 AM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 07:30 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन : राज्य परिवहन की बसों में यात्रा करना जान-जोखिम में डालने से कम नहीं है। परिवहन निगम की खस्ता हालत बसें कब जवाब दे जाएं, इसका भरोसा नहीं है। हालत यह है कि बसों में लगे अग्निशमन यंत्र और फर्स्ट एड बाक्स तक नहीं है। चालक व परिचालक इस तरफ ध्यान भी नहीं देते। डिपो की वर्कशाप में भी आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। निगम व अनुबंध की तमाम बसों में फायर सिलेंडर नहीं है। जिन बसों में है वहां भी महज दिखावे के लिए। काफी समय से वह खाली पड़े हैं। बसों में सिलेंडर को भरवाया नहीं गया। हालांकि कागजों में सभी फिट हैं। यह सीधे तौर पर यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ है। अगर बस में आग लग जाए तो यात्रियों को सुरक्षित बचाना मुश्किल हो जाएगा।
आपातकालीन गेट भी नहीं खुलते
रोडवेज की अधिकतर नई से लेकर पुरानी बसों में अग्निशमन तो नहीं हैं, आपात स्थिति में यात्रियों को बस से निकलने के लिए बना इमरजेंसी गेट भी नहीं खुलता है। यह हाल किसी एक बस का नहीं बल्कि ज्यादातर बसों का है। विभागीय कर्मियों की माने तो पंजीकृत रोडवेज बसों का सालों से फिटनेस परीक्षण ही नहीं किया गया है। आपात स्थिति में यात्रियों की जान भगवान के भरोसे है।
बसों में यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बसों में अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं। अगर किसी सिलेंडर में गैस नहीं है तो उसमे गैस भरवाई जाएगी। जिन बसों से फायर सिलेंडर गायब है उनके चालकों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। -आरवी विश्वकर्मा, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, परिवहन निगम देवरिया।
आपातकालीन गेट भी नहीं खुलते
रोडवेज की अधिकतर नई से लेकर पुरानी बसों में अग्निशमन तो नहीं हैं, आपात स्थिति में यात्रियों को बस से निकलने के लिए बना इमरजेंसी गेट भी नहीं खुलता है। यह हाल किसी एक बस का नहीं बल्कि ज्यादातर बसों का है। विभागीय कर्मियों की माने तो पंजीकृत रोडवेज बसों का सालों से फिटनेस परीक्षण ही नहीं किया गया है। आपात स्थिति में यात्रियों की जान भगवान के भरोसे है।
बसों में यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बसों में अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं। अगर किसी सिलेंडर में गैस नहीं है तो उसमे गैस भरवाई जाएगी। जिन बसों से फायर सिलेंडर गायब है उनके चालकों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। -आरवी विश्वकर्मा, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, परिवहन निगम देवरिया।
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