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Nirbhaya Case : फांसी के बाद बोले पवन के पिता- बेटे के क्रिया कर्म के बाद लड़ेंगे न्याय की लड़ाई

निर्भया कांड में बेटे को फांसी दिए जाने के बाद पिता हीरा गुप्ता ने कहा बेटे के अंतिम क्रिया कर्म करने के बाद न्याय के लिए लडूंगा। उनका बेटा न तो आपराधी था और न ही बालिग।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 20 Mar 2020 02:56 PM (IST)Updated: Sat, 21 Mar 2020 03:01 PM (IST)
Nirbhaya Case : फांसी के बाद बोले पवन के पिता- बेटे के क्रिया कर्म के बाद लड़ेंगे न्याय की लड़ाई
Nirbhaya Case : फांसी के बाद बोले पवन के पिता- बेटे के क्रिया कर्म के बाद लड़ेंगे न्याय की लड़ाई

बस्ती, जेएनएन। निर्भया कांड में बेटे को फांसी दिए जाने के बाद पिता हीरा गुप्ता ने कहा बेटे के अंतिम क्रिया कर्म करने के बाद न्याय के लिए लडूंगा। उनका बेटा न तो आपराधी था और न ही बालिग। नाबालिग बेटे को एक ऐसे मामले में फांसी दे दी गई जिसमें उसका बड़ा अपराध नहीं था।

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गांव में पसरा सन्‍नाटा

निर्भया कांड में तीन अन्य अभियुक्तों के साथ बस्ती के पवन गुप्ता को भी फांसी दे दी गई है। लालगंज थाना क्षेत्र के पैतृक गांव जगन्नाथपुर में सन्नाटा पसरा हुआ है। चाचा सुबाष का परिवार ही गांव में है। पूरी रात गांव के लोग हाईकोर्ट और सुप्रीमकोट में चली लड़ाई की पल पल की खबर लेते रहे। सुबह फांसी पर लटकाए जाने के बाद चाचा और उनके परिवार के सदस्य खूब रोए। दूसरी तरफ पवन के पिता हीरालाल अपने भाई जुग्गीलाल के साथ पूरी रात फांसी रोकने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ते रहे।

दबाव में नहीं हुई सुनवाई

दूरभाष पर बातचीत में पिता ने दोपहर बाद बताया बेटे का शव लेने के लिए पोस्टमार्टम घर पर आया हूं। हमारे साथ बहुत अन्याय हुआ है। बेटे के शव का क्रियाकर्म करने के बाद कानूनी लड़ाई लड़ूंगा। दबाव में उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई। चारों अभियुक्तों को फांसी होने के बाद निर्भया की मां और परिवारीजनों को तो न्याय मिल गया, लेेकिन मुझे नहीं मिला है। फोन पर ही वह रोने लगा। कहा टूट चुका हूं, हक की लड़ाई में सब कुछ बिक जाएगा, कोई फिक्र नहीं है। उनके बेटे का कसूर इतना बड़ा नहीं था। वह तो मौके पर पहुंच कर फंस गया। कहा घटना के वक्त पवन नाबालिग था। जिसका दिल्ली पुलिस इसका वेरीफिकेशन भी करा चुकी है लेकिन दबाव में न्यायालय में इस रिपोर्ट को पेश नहीं किया गया ।

सदमें चली गई थी दादी की जान

हीरालाल तीन भाई हैं। सभी सपरिवार दिल्ली के आरकेपुरम सेक्टर तीन में सब्जी एवं फल का कारोबार करते हैं। पवन के निर्भया केस में फंसने और फांसी की सजा होने के सदमें में वर्ष 2018 में ही दादी मेवाती की मृत्यु हो गई। मां दिव्यांग हैं। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। दूसरी बहन की मृत्यु हो चुकी है। एक प्रिंस है।


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