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नब्बे फीसद परिषदीय स्कूलों में चाक-चौबंद हुईं व्यवस्थाएं Gorakhpur News

विभागीय अधिकारियों को उम्मीद है कि अगली बार हम टाप फाइव में जगह बनाने में सफल होंगे। हां इसके लिए कार्य प्रणाली में सुधार की जरूरत है। सभी लोगों को मिलकर काम करना पड़ेगा। ताकि हम अपना मुकाम बना सकें।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 05:15 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 07:59 PM (IST)
नब्बे फीसद परिषदीय स्कूलों में चाक-चौबंद हुईं व्यवस्थाएं Gorakhpur News
परिषदीय स्‍कूलों की व्‍यवस्‍था के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। परिषदीय विद्यालयों को बुनियादी सुविधाओं से लैस करने के बाद गोरखपुर का बेसिक शिक्षा विभाग प्रदेश स्तरीय आपरेशन कायाकल्प रैंकिंग में छठे नंबर पर पहुंच गया है। विभाग को यह सफलता कंपोजिट स्कूल ग्रांट 2020-21 में प्राप्त धनराशि से हुए कार्यों की बदौलत मिली है। सितंबर में हुए सर्वे में छठे नंबर पर पहुंचने के बाद विभाग टाप फाइव में जगह बनाने में जुट गया है। विभागीय अधिकारियों को उम्मीद है कि अगली बार हम टाप फाइव में जगह बनाने में सफल होंगे। हां, इसके लिए कार्य प्रणाली में सुधार की जरूरत है। सभी लोगों को मिलकर काम करना पड़ेगा। ताकि हम अपना मुकाम बना सकें।

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सुधार के निर्देश

कंपोजिट ग्रांट भेजने के बाद से जिले के विद्यालयों का औचक निरीक्षण शुरू हुआ। बीएसए के नेतृत्व में खंड शिक्षाधिकारी तथा जिला समन्वयकों ने विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति के साथ-साथ कंपोजिट ग्रांट से हुए कार्यों की समीक्षा शुरू की। जिन विद्यालयों में कार्यों की प्रगति ठीक नहीं थी वहां सुधार के निर्देश दिए गए। लगातार निरीक्षण के बाद न सिर्फ विद्यालयों की स्थिति सुधरी बल्कि रैंकिंग में भी सुधार हुआ।

जनपद में कुल विद्यालय

जनपद में कुल 2504 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें प्राथमिक विद्यालयों की संख्‍या 1658 है और उच्‍च प्राथमिक विद्यालयों की संख्‍या 374 है। इसके अलावा 472 कंपोजिट विद्यालय हैं।

कितने स्कूलों में क्या हुए कार्य

जनपद के कुल 2504 परिषदीय विद्यालयों में से वर्तमान में 2154 में शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था हो चुकी है। 1373 में मल्टीपल हैंडवाङ्क्षशग सिस्टम व रनिंग वाटर सप्लाई, 2446 में रंगाई-पुताई, 2201 में कक्षा कक्ष में वायङ्क्षरग एवं विद्युत उपकरण तथा 2483 में श्यामपट्ट कंपोजिट ग्रांट के जरिये उपलब्ध हो चुके हैं। बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि कायाकल्प रैंङ्क्षकग में सुधार होने से अधिकारियों-कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा है। हम आगे और बेहतर करने की कोशिश करेंगे, ताकि अगली बार प्रदेश के टाफ फाइव में जगह बा सकें।


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