सीएम सिटी में सैकड़ों मकानों पर ध्वस्तीकरण का खतरा, जानिए- क्या है मामला Gorakhpur news
गोरखपुर में रामगढ़ताल वेटलैंड मामले की जांच में आई एनजीटी की हाईपावर कमेटी से जीडीए को तगड़ा झटका लगा है। उसे कोई राहत नहीं मिली।
By Edited By: Published: Fri, 16 Aug 2019 08:31 AM (IST)Updated: Fri, 16 Aug 2019 04:47 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। रामगढ़ताल वेटलैंड मामले में जीडीए को एनजीटी की हाईपावर कमेटी से तगड़ा झटका लगा है। बुधवार को सुनवाई के दौरान प्राधिकरण को कोई राहत नहीं मिली है। उपाध्यक्ष ए दिनेश कुमार व जीडीए के अधिवक्ता ने हाईपावर कमेटी के सामने प्रत्यावेदन प्रस्तुत किया, लेकिन कमेटी के अध्यक्ष डीपी सिंह ने यह कहते हुए उसे ठुकरा दिया कि मामला अब एनजीटी के हाथ है। कमेटी की रिपोर्ट को 19 जुलाई की सुनवाई में ही एनजीटी में स्वीकार कर लिया है, इसलिए कमेटी अब इसमें कोई बदलाव नहीं कर सकती।
वेटलैंड के 500 मीटर दायरे के निर्माण ध्वस्त करने की संस्तुति से मचा था हड़कंप एनजीटी की हाईपावर कमेटी ने रामगढ़ताल के 500 मीटर दायरे में सभी निर्माण ध्वस्त करने की संस्तुति की थी। इसके बाद उस दायरे में आने वाले करीब 50 हजार लोगों में हड़कंप मच गया था। जीडीए ने सभी निर्माण कार्य बंद कर दिए थे। लोगों को राहत देने के लिए जीडीए ने कमेटी में पुनर्विचार के लिए आवेदन दिया था, लेकिन कई बार सुनवाई की तारीख टलती रही। बुधवार को सुनवाई हुई तो जीडीए को झटका लगा। अब जीडीए के पास एनजीटी में अपील करने का रास्ता बचा है। यदि वहां से भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो सुप्रीम कोर्ट में मामला जा सकता है।
यदि संस्तुति को लागू करना पड़ा तो जीडीए के अस्तित्व पर भी संकट आ सकता है। एनजीटी में अपील की तैयारी जीडीए अब एनजीटी में अपील की तैयारी में जुट गया है। इसके साथ ही इस मामले से शासन को भी अवगत कराकर मदद मांगने की तैयारी है। जीडीए के सचिव राम सिंह गौतम ने कहा कि जीडीए ने कमेटी के सामने अपना पक्ष रखा है, कुछ दिन में निर्णय आने की उम्मीद है, उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।
वेटलैंड के 500 मीटर दायरे के निर्माण ध्वस्त करने की संस्तुति से मचा था हड़कंप एनजीटी की हाईपावर कमेटी ने रामगढ़ताल के 500 मीटर दायरे में सभी निर्माण ध्वस्त करने की संस्तुति की थी। इसके बाद उस दायरे में आने वाले करीब 50 हजार लोगों में हड़कंप मच गया था। जीडीए ने सभी निर्माण कार्य बंद कर दिए थे। लोगों को राहत देने के लिए जीडीए ने कमेटी में पुनर्विचार के लिए आवेदन दिया था, लेकिन कई बार सुनवाई की तारीख टलती रही। बुधवार को सुनवाई हुई तो जीडीए को झटका लगा। अब जीडीए के पास एनजीटी में अपील करने का रास्ता बचा है। यदि वहां से भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो सुप्रीम कोर्ट में मामला जा सकता है।
यदि संस्तुति को लागू करना पड़ा तो जीडीए के अस्तित्व पर भी संकट आ सकता है। एनजीटी में अपील की तैयारी जीडीए अब एनजीटी में अपील की तैयारी में जुट गया है। इसके साथ ही इस मामले से शासन को भी अवगत कराकर मदद मांगने की तैयारी है। जीडीए के सचिव राम सिंह गौतम ने कहा कि जीडीए ने कमेटी के सामने अपना पक्ष रखा है, कुछ दिन में निर्णय आने की उम्मीद है, उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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