Move to Jagran APP

खेल को बना लिया जीवन का हिस्‍सा, अब तैयार कर रहे खिलाड़ियों की नई पौध

राघवेंद्र पांडेय का प्रेम वालीबाल खेल के प्रति कुछ इस कदर हुआ कि उन्होंने इस खेल को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया।

By Edited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 06:37 AM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 09:50 AM (IST)
खेल को बना लिया जीवन का हिस्‍सा, अब तैयार कर रहे खिलाड़ियों की नई पौध
खेल को बना लिया जीवन का हिस्‍सा, अब तैयार कर रहे खिलाड़ियों की नई पौध

सिद्धार्थनगर, जेएनएन। हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद ने अपना पूरा जीवन हाकी को समर्पित किया। उनकी जयंती 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाई जाती है। इस क्षेत्र में कुछ ऐसी भी गुमनाम प्रतिभाएं हैं जो अपनी दक्षता से खिलाड़ियों की नई पौध को सींचने में जुटे हैं। उम्मीद है कि उनसे प्रशिक्षण लेकर खिलाड़ी राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करेंगे।

loksabha election banner

बालीबाल के खेल में कर रहें प्रशिक्षित

डुमरियागंज तहसील के भड़रिया निवासी राघवेंद्र पांडेय कुछ इसी खामोशी के साथ ग्रामीण प्रतिभाओं को बालीबाल के खेल में प्रशिक्षित कर रहे हैं। राघवेंद्र पांडेय का प्रेम वालीबाल खेल के प्रति कुछ इस कदर हुआ कि उन्होंने इस खेल को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया। बिना किसी स्पोर्ट कालेज में दाखिला व प्रशिक्षण लिए ही उन्होंने राज्य स्तर तक का सफर तय किया।

1995 में उनका आखिरी टूर्नामेंट मथुरा-आगरा के बीच था। वह आगरा की ओर से खेले थे। आखिरी टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के चलते वह राज्य के टाप थ्री खिलाड़ियों में से एक थे। उम्र बढ़ने के चलते वह टूर्नामेंटों की होड़ से बाहर निकल आए और लखनऊ स्थित गोरखा रेजीमेंट में दो वर्ष तक खिलाड़ियों के कोच रहे। पिछले दो वर्ष से वह अपने गृह क्षेत्र में ही युवाओं को इस खेल का प्रशिक्षण दे रहे हैं। यहां पर भी प्रदेश के विभिन्न भागों से खिलाड़ी उनसे प्रशिक्षण लेने पह़ुंचने लगे हैं। पिछले वर्ष उनके प्रशिक्षित खिलाड़ी मेरठ के विकास सिरोहा ने नेशनल चैंपियनशिप में दक्षता का डंका बजाया। स्थानीय प्रतिभाएं उनसे प्रशिक्षण लेकर जिला स्तरीय टूर्नामेंट से आगे बढ़ रही हैं। बालीबाल कोच राघवेंद्र पांडेय ने कहा कि मेरा प्रयास है कि मैं ऐसे खिलाड़ी तैयार करूं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करें। ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, सिर्फ कुशल मार्गदर्शन की जरूरत है और मैं वही कर रहा हूं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.