गोरखपुर के जिला अस्पताल में मरीजों के लिए नई व्यवस्था
मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था इलाज में संकट पैदा करती थी। इमरजेंसी से मरीजों को जहां जगह मिलती थी वहीं भेज दिया जाता था। भले ही वे संबंधित वार्ड के मरीज नहीं होते थे। सर्वाधिक दिक्कत सर्जरी के मरीजों के सामने होती थी।
गोरखपुर, जेएनएन। जिला अस्पताल की व्यवस्था बुधवाार से बदल गई है। मरीजों के सामने आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था में थोड़ा बदलाव किया है। अब मरीज इमरजेंसी में तब तक रहेंगे, जब तक उनको विशेषज्ञ डाक्टर देख नहीं लेंगे। उनके देखने के बाद ही मरीजों को संबंधित वार्डों में शिफ्ट किया जाएगा।
सर्जरी के मरीजों को होती थी परेशानी
मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था इलाज में संकट पैदा करती थी। इमरजेंसी से मरीजों को जहां जगह मिलती थी, वहीं भेज दिया जाता था। भले ही वे संबंधित वार्ड के मरीज नहीं होते थे। सर्वाधिक दिक्कत सर्जरी के मरीजों के सामने होती थी। इन्हें बर्न वार्ड के बगल में स्थिति वार्ड, मेडिसिन व आर्थो वार्ड में भर्ती कर दिया जाता था। यही नहीं मेडिसिन के मरीज आर्थो वार्ड व आर्थो के मरीज मेडिसिन वार्ड में शिफ्ट कर दिए जाते थे। अभी भी बहुत से मरीज इन वार्डों में शिफ्ट हैं जो संबंधित वार्ड के मरीज नहीं हैं। मेडिसिन में भर्ती सर्जरी के मरीज को मेडिसिन के डाक्टर देखते नहीं थे और सर्जरी के डाक्टर उस वार्ड में जाते नहीं हैं। इसलिए मरीजों के सामने इलाज का संकट गहरा गया था। स्वजन ओपीडी में जाकर डाक्टर से परामर्श लेते थे, उन्हें मरीज की स्थिति बताते थे, तब डाक्टर दवा लिखते थे या बदलते थे और जरूरी सुझाव देते थे। यह शिकायत मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने तय किया है कि अब इमरजेंसी में संबंधित बीमारी के विशेषज्ञ चिकित्सक देख लेंगे, उनके परामर्श पर भी मरीज को संबंधित वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा। ताकि उन्हें समय से इलाज मिल सके। कोई परेशानी न हो।
यह थी असली परेशानी
जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. एसी श्रीवास्वत का कहना है कि इस तरह की बहुत शिकायतें आईं कि डाक्टर मरीज को देखने नहीं जा रहे हैं। जांच में पता चला कि सर्जरी का मरीज मेडिसिन में और मेडिसिन का मरीज आर्थो वार्ड में भर्ती है। सर्जरी का डाक्टर आर्थो और आर्थो का डाक्टर मेडिसन के मरीज को तो देखेगा नहीं। इस वजह से उनके सामने परेशानी थी। अब व्यवस्था बदल दी गई है। मरीज को संबंधित वार्ड में ही भर्ती किया जाएगा।