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Indo-Nepal border: नेपाल में खोदी जा रही भारतीय क्षेत्र के तबाही की नींव

नेपाल के बुटवल भैरहवा कस्बे के पश्चिमी छोर व भैरहवा व नवलपरासी के बीच स्थित कई सूखे जल प्रपातों के समीप वर्तमान समय में व्यापक रूप से अवैध खनन किया जा रहा है। जिससे बरसात के मौसम में जल प्रवाह के एक साथ तीव्र गति से आने की आशंका है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 06:30 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 06:51 PM (IST)
Indo-Nepal border: नेपाल में खोदी जा रही भारतीय क्षेत्र के तबाही की नींव
नेपाल में रोहिन नदी में जेसीबी से हो रहा अवैध खनन। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। नेपाल में प्रतिबंध के बावजूद  नदियों के कई संवेदनशील स्थलों से खनन जारी है। नेपाल सरकार ने इस पर अंकुश नहीं लगाया तो आने वाले दिनों में सीमा से सटे भारतीय क्षेत्रों में इसका व्यापक असर देखने को मिल सकता है। हालांकि नेपाल में हो रहे अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई की मांग होने लगी है। जिन नदियों व स्थानों से खनन हो रहा है,  उसमें बरसात के दिनों में होने वाले जल प्रवाह का जुड़ाव महराजगंज जिले से जुडऩे वाली रोहिन नदी, डंडा नदी व महाव नाला से है।

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रोहिन नदी, महाव नाला व डंडा नदी तेज जलधारा आने की आशंका

नेपाल के बुटवल, भैरहवा कस्बे के पश्चिमी छोर व भैरहवा व नवलपरासी के बीच स्थित कई सूखे जल प्रपातों  के समीप वर्तमान समय में व्यापक रूप से अवैध खनन किया जा रहा है। जिससे बरसात के मौसम में जल प्रवाह बिखरने के बजाए एक साथ तीव्र गति से आने की आशंका है। बीते दिनों नेपाल ने पर्यावरणीय कारणों का हवाला देकर खनन पर कड़े नियम कानून लगाए थे। यहां तक कि भारत में निर्यात होने वाले गिट्टी-बालू पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। बावजूद इसके नेपाल में खनन का सिलसिला जारी है।

कई स्थानों पर अवैध खनन से बढ़ा बाढ़ का खतरा

इस गंभीर समस्या को लेकर नेपाल में भी स्वर मुखर होने लगे हैं। नेपाल लुंबिनी क्षेत्र के विधायक  संतोष पांडेय समेत कई सामाजिक व पर्यावरण से जुड़े संस्थानों ने  जिला प्रशासन से लगाए सरकार तक अवैध खनन पर प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की है। रुपनदेही जिला के सीडीओ आसमान तमांग का कहना है कि नदियों में हो रहे अवैध खनन को रोकने के लिए टीम गठित की गई है। अवैध खनन पर रोक लगाई जाएगी।

बाढ़ आई तो इन गांवों में मचेगी तबाही

बरसात के दिनों में नेपाल के पहाड़ों से निकला पानी भारतीय क्षेत्रों में बहता है। खनन से नदियों का बांध कमजोर हो जाएगा और सीमावर्ती क्षेत्रों में बाढ़ आ जाएगी। बाढ़ आई तो भारतीय क्षेत्र के  जमुहानी, पुरुषोत्तमपुर, बोदरवार, श्यामकाट, सेमरा, देवघट्टी, खेरहवा दुबे, छितवनिया, दोगहरा, कोहरगढ़ी, झिंगटी, अमहवा, सीहाबार सहित सैकड़ों गांव तबाह हो जाएंगे।

सिंचाई विभाग को तैयारियों के निर्देश

महराजगंज जनपद के डीएम डा. उज्‍ज्‍वल कुमार का कहना है कि आगामी बारिश के मौसम को देखते हुए सिंचाई विभाग को तैयारियों के निर्देश दिए गए हैं। सभी नदियां नेपाल होकर महराजगंज क्षेत्र में प्रवेश करतीं हैं। ऐसे में  पड़ोसी देश से भी समन्वय स्थापित किया जाएगा। जहां तक संवेदनशील स्थानों पर अवैध खनन का मामला है , तो इसे नेपाल के समकक्ष अधिकारियों के समक्ष उठाया जाएगा। 


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