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भारत के सीमावर्ती जिलों पर भारी पड़ेगा नेपाल का यह कार्य, बरसात में फ‍िर डूबेंगे कई जिले

नेपाल के बुटवल भैरहवा कस्बे के पश्चिमी छोर व भैरहवा व नवलपरासी के बीच स्थित कई सूखे जल प्रपातों के समीप व्यापक रूप से अवैध खनन किया जा रहा है। जिससे बरसात के मौसम में जल प्रवाह बिखरने के बजाए एक साथ तीव्र गति से आने की आशंका है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 06:10 AM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 09:29 AM (IST)
भारत के सीमावर्ती जिलों पर भारी पड़ेगा नेपाल का यह कार्य, बरसात में फ‍िर डूबेंगे कई जिले
प्रतिबंध के बावजूद नेपाल में नदियों के कई संवेदनशील स्थलों से खनन हो रहा है। - फाइल फोटो

महराजगंज, अरविंद त्रिपाठी। प्रतिबंध के बावजूद नेपाल में नदियों के कई संवेदनशील स्थलों से खनन जारी है। नेपाल सरकार ने इस पर अंकुश नहीं लगाया तो आने वाले दिनाें में सीमा से सटे भारतीय क्षेत्रों में इसका व्यापक असर देखने को मिल सकता है। नेपाल में हो रहे अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई की मांग हो रही है। जिन नदियों व स्थानों से खनन हो रहा है, उसमें बरसात के दिनों में होने वाले जल प्रवाह का जुड़ाव महराजगंज जिले से जुड़ने वाली रोहिन नदी, डंडा नदी व महाव नाला से है। 

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खनन पर लगा है रोक

नेपाल के बुटवल, भैरहवा कस्बे के पश्चिमी छोर व भैरहवा व नवलपरासी के बीच स्थित कई सूखे जल प्रपातों के समीप व्यापक रूप से अवैध खनन किया जा रहा है। जिससे बरसात के मौसम में जल प्रवाह बिखरने के बजाए एक साथ तीव्र गति से आने की आशंका है। बीते दिनों नेपाल ने पर्यावरणीय कारणों का हवाला देकर खनन पर कड़े नियम कानून लगाए थे। यहां तक कि भारत में निर्यात होने वाले गिट्टी-बालू पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। बावजूद इसके नेपाल में खनन का सिलसिला जारी है। इस गंभीर समस्या को लेकर नेपाल में भी स्वर मुखर होने लगे हैं। 

अधिकारियों ने कहा

नेपाल लुंबिनी क्षेत्र के विधायक संतोष पांडेय समेत कई सामाजिक व पर्यावरण से जुड़े संस्थानों ने जिला प्रशासन से लगाए सरकार तक अवैध खनन पर प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की है। रुपनदेही जिला के सीडीओ आसमान तमांग का कहना है कि नदियों में हो रहे अवैध खनन को रोकने के लिए टीम गठित की गई है। अवैध खनन पर रोक लगाई जाएगी।

बाढ़ आई तो इन गांवों में मचेगी तबाही

बरसात के दिनों में नेपाल के पहाड़ों से निकला पानी भारतीय क्षेत्रों में बहता है। खनन से नदियों का बांध कमजोर हो जाएगा और सीमावर्ती क्षेत्रों में बाढ़ आ जाएगी। बाढ़ आई तो भारतीय क्षेत्र के जमुहानी, पुरुषोत्तमपुर, बोदरवार, श्यामकाट, सेमरा, देवघट्टी, खेरहवा दुबे, छितवनिया, दोगहरा, कोहरगढ़ी, झिंगटी, अमहवा, सीहाबार सहित सैकड़ों गांव तबाह हो जाएंगे।

आगामी बारिश के मौसम को देखते हुए सिंचाई विभाग को तैयारियों के निर्देश दिए गए हैं। सभी नदियां नेपाल होकर महराजगंज क्षेत्र में प्रवेश करतीं हैं। ऐसे में पड़ोसी देश से भी समन्वय स्थापित किया जाएगा। जहां तक संवेदनशील स्थानों पर अवैध खनन का मामला है, तो इसे नेपाल के समकक्ष अधिकारियों के समक्ष उठाया जाएगा। - डा. उज्ज्वल कुमार, डीएम, महराजगंज।


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