Indo-Nepal: अधिकारी नेपाल गए ही नहीं इसलिए नहीं आया भारत की नहरों में पानी Gorakhpur News
सिंचाई विभाग ने 22 मई को बाल्मीकि नगर बैराज से गंडक नहर में तीन हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का रोस्टर जारी किया था लेकिन तय समय सीमा पर नहरों का संचालन आरंभ नहीं किया जा सका। इसके लिए बिहार के अधिकारियों को जिम्मेदार बताया गया है।
महराजगंज, विश्वदीपक त्रिपाठी। कोरोना के चलते उत्पन्न हुई परिस्थितियों व अधिकारियों की लापरवाही के चलते नेपाल के बाल्मीकि नगर बैराज से आने वाले पानी पर ग्रहण लग गया है। कोरोना के भय से यूपी व बिहार के अधिकारी समय से नेपाल ही नहीं पहुंचे और पूर्वी गंडक नहर जल विद्युत परियोजना का मरम्मत कार्य पूर्ण नहीं हो सका। इससे बैराज से नहर में पानी नहीं छोड़ा जा सका। इसी विद्युत परियोजना से होकर ही पूर्वी व पश्चिमी मुख्य नहर शाखा में पानी आता है।
सिंचाई विभाग ने 22 मई को बाल्मीकि नगर बैराज से गंडक नहर में तीन हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का रोस्टर जारी किया था, लेकिन तय समय सीमा पर नहरों का संचालन आरंभ नहीं किया जा सका।
सिंचाई विभाग से जुड़े महराजगंज व गोरखपुर के अधिकारी बाल्मीकि नगर बैराज का कार्य देखने वाले बिहार के अधिकारियों को विलंब के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
मरम्मत कार्य पूरा न होने से नहीं आया पानी
सिंचाई खंड प्रथम महराजगंज
सिंचाई खंड प्रथम महराजगंज के अधिशासी अभियंता विनोद वर्मा का कहना है कि महराजगंज से 22 मई के लिए पानी की डिमांड भेजी गई थी। पूर्वी गंडक नहर जल विद्युत परियोजना का मरम्मत कार्य पूरा न होने से पानी नहीं आया। बाल्मीकि नगर बैराज का संचालन बिहार सिंचाई विभाग करता है। समय से पानी छोड़े जाने के लिए उससे बातचीत हो रही है। वहीं सिंचाई खंड- एक, गोरखपुर के अधिशासी अभियंता सूर्य प्रकाश गुप्ता का कहना है कि पूर्वी गंडक नहर जल विद्युत परियोजना में मरम्मत का कार्य अबी जारी है। काम समय से पूरा क्यों नहीं हुआ, यह बिहार के अधिकारी बता पाएंगे। 29 मई को पानी छोड़े जाने की उम्मीद है।
नेपाल में है बैराज का आधा हिस्सा
बाल्मीकि नगर बैराज का आधा हिस्सा नेपाल में है। इसकी देखरेख बिहार सरकार करती है। 1971 में यहां से नहर प्रणाली शुरू हुई। इसी के 14वें किलोमीटर पर पूर्वी गंडक नहर जल विद्युत परियोजना है, जिससे नेपाल में विद्युत आपूर्ति होती है।
गोरखपुर मंडल व बिहार में पानी का इंतजार
बैराज से नहर की दो शाखाएं निकली हैं। मुख्य पश्चिमी नहर शाखा से महराजगंज, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर के साथ बिहार के समीपवर्ती जिलों में सिंचाई होती है। इस नहर प्रणाली की सर्वाधिक 128 शाखाएं महराजगंज में हैं। इन्हीं नहरों के भरोसे चारों जिले के 3.34 लाख हेक्टेयर भूभाग की सिंचाई होती है। पूर्वी नहर शाखा से नेपाल के परसा, बारा व रौतहट के 42 हजार हेक्टेयर कृषि भू-भाग और बिहार के चंपारण, मुजफ्फरपुर और दरभंगा के 6.68 लाख हेक्टेयर खेत की सिंचाई होती है।