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Indo-Nepal Border: झुका नेपाल, सीमा पर विवादित स्थायी चौकी को बनाया अस्थायी

भारत-नेपाल सीमा के सोनौली नोमेंस लैंड पर स्थायी चौकी को शनिवार को सीमित कर नेपाल प्रशासन ने अस्थायी रूप में बदल दिया है। भारत के हस्तक्षेप पर नेपाल के अधिकारियों ने संज्ञान लिया और उस स्थान पर एक छोटे टेंट को स्थापित किया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 07:50 AM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 08:46 AM (IST)
Indo-Nepal Border: झुका नेपाल, सीमा पर विवादित स्थायी चौकी को बनाया अस्थायी
भारतीय अधिकारियों के दबाव में नेपाल ने अपनी स्‍थायी चौकी को अस्‍थायी चौकी में बदल दिया है। - फाइल फोटो

महराजगंज, जेएनएन। भारतीय अधिकारियों के तर्कों के आगे नेपाल को अंतत: पीछे हटना पड़ा। भारत-नेपाल सीमा के सोनौली नोमेंस लैंड पर स्थायी चौकी को शनिवार को सीमित कर नेपाल प्रशासन ने अस्थायी रूप में बदल दिया है। भारत के हस्तक्षेप पर नेपाल के अधिकारियों ने संज्ञान लिया और उस स्थान पर एक छोटे टेंट को स्थापित किया है। बीते गुरुवार को नोमेंस लैंड पर अस्थायी चौकी को नेपाल प्रशासन स्थायी रूप देने में जुटा था।

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भारतीय अधिकारियों ने जताया था विरोध

इसकी सूचना भारत के उच्चाधिकारियों तक पहुंची तो, खुफिया एजेंसियां और एसएसबी अलर्ट हो गई है। जिसको हटाने के लिए दोनों देशों के अधिकारियों की 48 घंटे वार्ता के बाद नेपाल ने पुनः चौकी को पूर्व की भांति बना लिया है। नेपाल ने नोमेंस लैंड पर अस्थायी चौकी बनाई थी, वहां पुलिस व स्वास्थ्य कर्मचारियों की तैनाती थी। भारत से आने वाले ट्रक चालक व खलासी की कोरोना संबंधी जांच के बाद नेपाल में प्रवेश दिया जाता था। 

नेपाल ने बना ली थी स्‍थायी चौकी

बीते एक सप्ताह पहले नेपाल की तरफ से करीब 30 ट्राली मिट्टी गिराई गई थी, उस दौरान भी भारतीय अधिकारियों में हलचल मची, अभी उसका निदान हुआ नहीं था कि गुरुवार को स्थायी चौकी का रूप दे दिया गया। चौकी निर्माण के दौरान भारत के अधिकारियों ने अपनी बात रखी, लेकिन क्षतिग्रस्त होने की बात कहते हुए नेपाली प्रशासन ने चौकी को बना लिया। एसएसबी 22 वीं वाहिनी के सेनानायक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि नेपाली प्रशासन ने चौकी को अस्थायी रूप देते हुए छोटा टेंट में स्थापित कर लिया है।

महराजगंज पहुंचा एटीएस का दस्‍ता

महराजगंज के घुघली थाना क्षेत्र के पकड़ियार विशुनपुर गांव में पहुंची आंतकवाद निराेधक दस्ता (एटीएस) की टीम ने दो परिवार के लोगों से लंबी पूछताछ की। एटीएस की टीम एक पासपोर्ट और एक फोटो की पहचान को लेकर काफी पूछताछ की लेकिन काेई निष्कर्ष न निकलने पर पुन: वापस लौट गई। बताया जा रहा है कि जिस फाेटो को एटीएस की टीम दिखाकर पूछताछ कर रही थी उसे जनवरी माह में संतकबीरनगर के खलिलाबाद से टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस बारे में अपर पुलिस अधीक्षक निवेश कटियार ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है।


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