न घर था न पहचान, योगी आदित्यनाथ का आर्शीवाद मिला तो बदल गई जिंदगी
सूबे की तमाम सरकारों में उपेक्षित रहे वनटांगियों को योगी ने न केवल उनका हक दिलाया बल्कि बजट में पांच करोड़ रुपये देकर उनकी जिंदगी में शिक्षा की नई अलख भी जगाई है।
गोरखपुर, जेएनएन। सूबे की तमाम सरकारों में उपेक्षित रहे वनटांगियों को योगी ने न केवल उनका हक दिलाया बल्कि बजट में पांच करोड़ रुपये देकर उनकी जिंदगी में शिक्षा की नई अलख भी जगाई है। गोरखनाथ शोध पीठ के लिए हुआ 63 लाख का प्रावधान नाथ पंथ के दर्शन और सिद्धांत से नई पीढ़ी को परिचित कराने में अहम भूमिका अदा करेगा। पर्यटन, सड़क, मेट्रो समेत अन्य सभी विभागों में चल रही योजनाओं के लिए बजट में धन का आवंटन कर मुख्यमंत्री ने गोरखपुर की तस्वीर बदलने की अपनी योजना को अमलीजामा पहनाने का काम किया है।
विद्यालय खोलने व शिक्षा पर खर्च होंगे पांच करोड़
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के तीसरे बजट में वनटांगियों का भी ख्याल रखा है। वन टांगिया बस्तियों में विद्यालय खोलने और शिक्षा का विकास करने के लिए उन्होंने बजट में पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। बताते हैं कि यह धनराशि गोरखपुर जिले की वन टांगिया बस्तियों के लिए आवंटित की गई है। हालांकि बजट प्रस्ताव में फिलहाल इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं है। विभागीय अधिकारियों की माने तो बजट में मिली धनराशि से गोरखपुर के पांच वन टांगिया बस्तियों में पांच प्राथमिक विद्यालय और दो उच्च प्राथमिक विद्यालय का निर्माण कराया जाना है।
बता दें कि योगी आदित्य नाथ ने सांसद रहते हुए वन टांगिया मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया था। मुख्यमंत्री बनने के बाद इन बस्तियों के विकास पर उन्होंने विशेष जोर दिया। यहां तक की मुख्यमंत्री के तौर पर दीपावली का त्योहार वह वन टांगिया बस्तियों में ही मनाते रहे हैं।
इन वन टांगिया गांवों में प्रस्तावित है विद्यालय का निर्माण
जंगल तिनकोनिया नंबर तीन और रजहीं वन टांगिया में में उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रस्तावित है। रजहीं में प्राथमिक विद्यालय का भी निर्माण होना है। इसक अलावा खाले टोला, आमबाग और चिलबिलवा वन टांगिया बस्ती में भी प्राथमिक विद्यालय का निर्माण प्रस्तावित है।
गोरखनाथ शोधपीठ को मिलेगी गति
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्थापित हो रहे गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ के लिए धन का प्रावधान बड़ी उपलब्धि है। इससे पीठ के भवन निर्माण के कार्य में तेजी आएगी। पिछले दिनों इसके लिए करीब 13 करोड़ रुपये की प्रदेश सरकार की स्वीकृति के बाद अब 63 लाख रुपये के रूप में पहली किश्त का बजट में प्रावधान होना गोरखपुर ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के लिए आध्यात्मिक शैक्षणिक उपलब्धि है। नाथ पंथ के दर्शन और सिद्धांत से नई पीढ़ी को परिचित कराने और इस विषय पर शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में गुरु गोरक्षनाथ पीठ की स्थापना की जा रही है। इसके लिए विवि के महाराणा प्रताप परिसर में चार मंजिला भवन बनना प्रस्तावित है। शोध पीठ के लिए विभिन्न पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। ऐसे में धन मिलने से शोध पीठ के धरातल पर दिखने का रास्ता साफ हुआ है।