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न समय पर पर्ची मिल रही और न ही न हो रहा है भुगतान, किसान परेशान

बस्‍ती जिले में किसानों को अपना गन्ना बेचने के लिए न तो समय पर पर्चियां मिल रही हैं न ही भुगतान। इससे किसान परेशान हैं। नकदी फसल के रूप में की जाने वाली खेती अभिशाप बनती जा रही है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 06:50 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 06:50 AM (IST)
न समय पर पर्ची मिल रही और न ही न हो रहा है भुगतान, किसान परेशान
न समय पर पर्ची मिल रही और न ही न हो रहा है भुगतान, किसान परेशान। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बस्‍ती जिले में किसानों को अपना गन्ना बेचने के लिए न तो समय पर पर्चियां मिल रही हैं न ही भुगतान। इससे किसान परेशान हैं। नकदी फसल के रूप में की जाने वाली खेती अभिशाप बनती जा रही है। हालात यही रहे तो किसान कहीं गन्‍ने की खेती से मुंह न मोड़ लें।

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इंडेंट के अभाव में तौल कराने नहीं पहुंच रहे गन्‍ना किसान

गन्ना क्रय केंद्रों की हकीकत जानने जागरण टीम 16 जनवरी को मुंडेरवा शुगर मिल द्वारा संचालित गन्ना क्रय केंद्र रमवापुर माफी पहुंची। यहां दोपहर बाद किसानों के अभाव में गन्ना तौल बंद हो गया। तौल लिपिक पंकज मिश्रा ने बताया कि रविवार को 450 क्विंटल गन्ना तौल हुआ है। इंडेंट के अभाव में क्रय केंद्र पर किसान गन्ना तौल कराने नहीं आए हैं।

क्रय केंद्र पर नहीं हो रही थी तौल

उसके बाद टीम अठदमा चीनी मिल के सोनहा क्रय केंद्र पर पहुंची। गन्ना के अभाव में तौल का काम बंद था। चौकीदार राम कुमार ने बताया कि सिर्फ तीन गाड़ियां ही आई थीं। उसके बाद से कोई किसान अपना गन्ना लेकर नहीं आया है। इसी मिल के अमरौली शुमाली (रामनगर) क्रय केंद्र पर गन्ना तौल का काम हो रहा था। सेखुई के किसान राम सुमेर ने बताया कि गन्ना तौल के बाद उतरवाने के लिए 70 रुपये देना पड़ रहा है।

खेत खाली न होने को लेकर चिंतित हैं किसान

काशीराम ने बताया कि मिल द्वारा समय से गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया जा रहा है। साथ ही पर्चियां भी नहीं मिल पा रही हैं। किसी तरह खेत खाली हो जाए यही बहुत है। छनवतिया क्रय केंद्र पर गन्ना तौल कराने आए शिवाकांत पांडेय ने बताया कि यहां भी गन्ना उतरवाने के लिए 70 रुपये देना पड़ रहा है। राम प्रताप चौधरी ने बताया कि अब क्रय केंद्र पर ट्राला व श्रमिकों की व्यवस्था हो गई है। गन्ना मूल्य का भुगतान न होने से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


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