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शासन ने कराई जांच, स्कूलों में बच्चे ही नहीं मिड-डे-मील भी नदारद Gorakhpur News

शासन के निर्देश पर बीते पंद्रह फरवरी को बेसिक शिक्षा निदेशालय के विधि अधिकारी व पूर्व बीएसए मनीराम सिंह ने जिले के परिषदीय स्कूलों का निरीक्षण किया तो अव्यवस्था की पोल खुल गई। पूरी व्‍यवस्‍था की कठघरे में दिखाई पड़ी।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 05:34 PM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 05:34 PM (IST)
शासन ने कराई जांच, स्कूलों में बच्चे ही नहीं मिड-डे-मील भी नदारद Gorakhpur News
परिषदीय स्‍कूलों की जांच के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। जनपद के परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने में बेसिक शिक्षा विभाग पूरी तरह फेल है। कहीं छह बच्चे, तो कहीं सिर्फ सात या आठ। शिक्षक पढ़ाएं तो किसे। स्कूलों में मिड-डे-मील देने में भी हीलाहवाली की जा रही है।

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शासन के निर्देश पर बीते पंद्रह फरवरी को बेसिक शिक्षा निदेशालय के विधि अधिकारी व पूर्व बीएसए मनीराम सिंह ने जिले के परिषदीय स्कूलों का निरीक्षण किया तो अव्यवस्था की पोल खुल गई। पिपरौली उच्च प्राथमिक विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति थोड़ी संतोषजनक मिली। जूनियर हाईस्कूल नेवास, कालेसर, पूरा भरत बांसगांव तथा खजनी के छताई जूनियर स्कूल में कहीं छह तो कहीं सात छात्र उपस्थित मिले। जूनियर हाईस्कूल नेवास में मध्याह्न भोजन भी नदारद था। यहां तक की पठन-पाठन की गुणवत्ता भी संतोषजनक नहीं मिली। निरीक्षण में ऐसा लगा कि मानो पूरी व्‍यवस्‍था सिर्फ कागजों तक ही रह गई है। धरातल पर कुछ भी नहीं दिखा।

कायाकल्प की प्रगति पर भी जताया था असंतोष

परिषदीय विद्यालय में कायाकल्प योजना के तहत ग्राम पंचायतों को अपने-अपने गांव के प्राथमिक विद्यालयों को माडल स्कूल की तर्ज पर विकसित करना था। निरीक्षण में सिर्फ पिपरौली व कालेसर में कायाकल्प के तहत कार्य होना पाया गया। नेवास, पूरा भरत तथा छताई में प्रधान ने कार्य नहीं कराया था। इस पर टीम ने असंतोष जताया और वास्तविक स्थिति से शासन को अवगत कराने की बात कही।

सिर्फ एक विद्यालय को छोड़कर उपस्थिति संतोषजनक नहीं

बेसिक शिक्षा निदेशालय के विधि अधिकारी मनीराम सिंह का कहना है कि निरीक्षण के दौरान एक विद्यालय को छोड़कर कहीं भी उपस्थिति संतोषजनक नहीं मिली। पिपरौली में कक्षा छह में पंजीकृत 119 के सापेक्ष 67 छात्र उपस्थित मिले। शेष में छह से सात बच्चे ही उपस्थित पाए गए। निरीक्षण के उपरांत खंड शिक्षाधिकारियों के साथ बैठक में कमियों से अवगत कराते हुए सुधार के निर्देश दिए गए। निरीक्षण में मिली कमियों व कायाकल्प योजना में शिथिलता को शामिल करते हुए रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है।


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