कार्यदायी संस्था की लापरवाही, महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज का निर्माण कार्य अभी भी अधूरा
मेडिकल कालेज के सबसे महत्वपूर्ण भवन का निर्माण कार्य अधूरा है। जिला अस्पताल व महिला अस्पताल के बीच में छह मंजिला 220 बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा फीनिसिंग बाउंड्री वाल का कार्य भी अधूरा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। देवरिया के महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज का निर्माण कार्य अभी भी पूरा नहीं किया जा सका है। कार्यदायी संस्था की सुस्ती के चलते काम पूरा नहीं हो सका। काम पूरा होने का तय समय दिसंबर माह था। एक बार फिर से शासन से मार्च माह तक कार्य पूरा करने के लिए समय मांगा है। अभी तक 85 फीसद कार्य पूरा हुआ है।
कई भवन कार्यदायी संस्था ने नहीं किया हैंडओवर
कार्यदायी संस्था ने प्रथम एलओपी का कार्य पूरा कर भवन को हैंडओवर किया। जिसमें एकेडमिक ब्लाक, गर्ल्स हास्टल, ब्वायज हास्टल, सीनियर रेजिडेंट आवास, जूनियर रेजिडेंट आवास के अलावा टाइप टू, टाइप थ्री, टाइप फोर, प्रधानाचार्य आवास समेत कुल 14 भवनों का निर्माण कार्य पूरा किया। जिसमें अभी भी कुछ भवन कार्यदायी संस्था से हैंडओवर नहीं हुए हैं। इस बीच मेडिकल कालेज को एनएमसी से मान्यता मिलने के बाद यहां तीन विभाग फिजियोलाजी, बायोकेमेस्ट्री व एनाटोमी तैयार है। सभी विभागों में चिकित्सा शिक्षकों की तैनाती भी हो गई है। छात्रों के आने का इंतजार है।
25 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री ने किया था शिलान्यास
मेडिकल कालेज निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद 25 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिलान्यास किया। 207 करोड़ की लागत से इसका निर्माण कार्य कार्यदायी संस्था उप्र राजकीय निर्माण निगम ने नवंबर 2019 में शुरू किया। निर्माण कार्य तेजी से चल रहा था, लेकिन कोरोना के चलते बीच में कई बार कार्य प्रभावित हुआ।
इन भवनों का निर्माण कार्य है अधूरा
मेडिकल कालेज के सबसे महत्वपूर्ण भवन का निर्माण कार्य अधूरा है। जिला अस्पताल व महिला अस्पताल के बीच में छह मंजिला 220 बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा फीनिसिंग, बाउंड्री वाल का कार्य भी अधूरा है। जिसमें टायल्य, बिजली आदि कार्य भी शेष है।
220 बेड अस्पताल का चल रहा है निर्माण कार्य
महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डा. राजेश कुमार बरनवाल ने बताया कि 220 बेड अस्पताल का निर्माण कार्य काफी तेजी से चल है। इसके अलावा जो भी कार्य अधूरा है उसे कार्यदायी संस्था पूरा करने में जुटी है। कोरोना के कारण थोड़ी दिक्कत रही। दिसंबर तक कार्य पूरा करना था। मार्च तक का समय बढ़ाया गया है।