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तबादला नीति घोषित होने के बाद बंदी रक्षकों की बढ़ी बेचैनी

गोरखपुर एक ही जेल में वर्षो से जमे बंदी रक्षकों का बहुत जल्दी दूसरी जेल में तबादला किया जा

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Apr 2018 01:33 AM (IST)Updated: Tue, 24 Apr 2018 01:33 AM (IST)
तबादला नीति घोषित होने के बाद बंदी रक्षकों की बढ़ी बेचैनी
तबादला नीति घोषित होने के बाद बंदी रक्षकों की बढ़ी बेचैनी

गोरखपुर

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एक ही जेल में वर्षो से जमे बंदी रक्षकों का बहुत जल्दी दूसरी जेल में तबादला किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने बंदी रक्षकों के तबादले की नीति घोषित कर दी है। इसमें सात साल से एक ही जेल में कार्यरत बंदी रक्षकों को दूसरी जेल भेजने का निर्देश दिया गया है। तबादला नीति घोषित होने के बाद बंदी रक्षकों की बेचैनी बढ़ गई है। गोरखपुर जिला कारागार में अधिकतर बंदी शासन द्वारा एक जेल में तैनात रहने की तय की गई अवधि से अधिक वक्त से कार्यरत हैं। तबादला नीति घोषित होने के बाद जेल प्रशासन ऐसे बंदियों की सूची तैयार कर रहा है।

प्रदेश की करीब-करीब हर जेल में तैनात बंदी रक्षक सात साल से अधिक अवधि से तैनात हैं। ऐसे बंदी रक्षक कई बार जेल प्रशासन के लिए समस्या की वजह बन जाते हैं। क्योंकि लंबे समय से एक ही जगह कार्यरत रहने की वजह से इन बंदी रक्षकों का जेल में बंदियों से अच्छा संबंध बन जाता है। उनके प्रभाव में आकर बंदी रक्षक बाद में जेल की व्यवस्था संभालने में योगदान देने की बजाय बंदियों के लिए काम करने लग जाते हैं। कई बार ऐसे भी मामले सामने आए हैं कि यदि कोई अधिकारी जेल में सख्ती करता है तो बंदियों से मिलकर बंदी रक्षक ही उस अधिकारी के विरुद्ध मुहिम छेड़ देते हैं। बंदी रक्षकों इन करतूतों की शिकायत मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने नई तबादला नीति घोषित की है। शासन ने सभी जेल अधीक्षकों से सात साल से अधिक वक्त से तैनात बंदी रक्षकों की सूची तैयार कर भेजने का निर्देश दिया है। उनका तबादला शासन स्तर पर ही किया जाएगा।

यहां बता दें कि गोरखपुर जिला कारागार में इस समय सवा सौ से अधिक बंदी रक्षक कार्यरत हैं और इसमें से अधिकतर निर्धारित अवधि से अधिक वक्त से यहां तैनात हैं। इसमें खास बात यह है कि अधिकतर बंदी रक्षक मूल रूप से गोरखपुर और बस्ती मंडल के विभिन्न जिलों के ही रहने वाले हैं। पता चला है कि इनमें से कई बंदी रक्षकों का जेल में बंद रहे कई कुख्यात बदमाशों से गहरा ताल्लुक बन गया था। उनके जेल से छूटने के बाद भी बंदी रक्षकों का उनसे संबंध कायम रहा। बाद में कई बंदी रक्षक उन बदमाशों के नेटवर्क से जुड़कर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक डा. रामधनी का कहना है कि तबादला नीति के अनुसार सूची तैयार कराई जा रही है। जल्द की सूची मुख्यालय को भेज दी जाएगी।


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