सांसद रविकिशन नेकहा-कोरोना संकट के माध्यम से प्रकृति ने दी चेतावनी Gorakhpur News
सांसद रविकिशन ने गोरखपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से ऑनलाइन संवाद में योग व्यायाम और मेडिटेशन के माध्यम से खुद को अंदर से मजबूत करने का आह्वान किया।
गोरखपुर, जेएनएन। सदर सांसद व अभिनेता रविकिशन ने कहा कि राजनीति में आने वाले व्यक्ति को नि:स्वार्थ भाव से जनता की सेवा करनी चाहिए। आदर्श स्थापित करना चाहिए, तभी भविष्य की पीढ़ी उन्हें याद करती है। राजनीति, सिनेमा, शिक्षा, विज्ञान, शोध या सेवा जिस भी क्षेत्र में हों, वहां पूरे समर्पण के साथ काम करना चाहिए। तभी सफलता मिलती है। आज कोरोना ने हमारी जीवनशैली को बदल दिया है। वास्तव में यह प्रकृति की एक चेतावनी है, हमें सावधान करने की। हम सभी को प्रकृति और मानव समाज के प्रति उदार होना होगा।
विश्वविद्यालय के छात्रों से सांसद ने किया संवाद
सांसद रविकिशन गोरखपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से ऑनलाइन संवाद कर रहे थे। 'कोविड संकट: राजनीति, सिनेमा और युवाओं की दृढ़ता विषय पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि योग, व्यायाम और मेडिटेशन के माध्यम से खुद को अंदर से मजबूत करें और परिवार या बाहर दोस्तों को इसकी जानकारी दें। अपने भीतर नकारात्मक भाव न आने दें। कोरोना हमारे लिए किसी अवसर से कम नहीं है।
कोरोना से बचकर कुछ नया करने की जरूरत
हमें कोरोना से बचना है और इसी मे कुछ करके दिखाना है। यही हमारे लिए अवसर है। ऐसे अवसर कम ही आते हैं जब हमें मुसीबतों में कुछ नया करने का रास्ते दिखाते हैं। यह रास्ता भी हमें खुद बनाना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना ने हमारे रहन-सहन और खाने-पीने की आदत पर पर ज्यादा प्रभाव डाला है। यही आदत हमारे जीवन शैली को बदलता है। उन्होंने कहा कि इसमें सबसे महत्वपूर्ण है फिजीकल डिस्टेंसिंग है। हमें हर हाल में फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही होगा। जिसमें यह आदत आ गई वही विजयी होगा।
कार्यक्रम समन्वयक व गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रो.अजय कुमार शुक्ला ने कहा कि इस संवाद के माध्यम से विद्यार्थियों को काफी प्रेरणा मिली है। स्वागत हर्षिता शुक्ला ने किया। संवाद कार्यक्रम का सह संयोजन विवि के भौतिक विभाग के डॉ. अम्बरीष श्रीवास्तव व कॉमर्स विभाग के डॉ.अंशू गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में डॉ. मनीष पाण्डेय, रविकान्त तिवारी, सिद्धार्थ गौतम, झुम्पा मंडल सरकार, सुप्रिया राय, शिव प्रसाद शुक्ला, प्रशान्त मणि त्रिपाठी, अविनाश दुबे, आदर्श राम त्रिपाठी, जीविधा जायसवाल, मंतोष यादव, हरीश यादव, भीमसेन उज्ज्वल, अश्वनी त्रिपाठी आदि शामिल रहे।