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निजीकरण के विरोध में रेलवे कर्मचारियों का राष्‍ट्रव्‍यापी आंदोलन 14 सितंबर से Gorakhpur News

आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने 14 से 19 सितंबर तक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का निर्णय लिया है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 05:03 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 05:03 PM (IST)
निजीकरण के विरोध में रेलवे कर्मचारियों का राष्‍ट्रव्‍यापी आंदोलन 14 सितंबर से Gorakhpur News
निजीकरण के विरोध में रेलवे कर्मचारियों का राष्‍ट्रव्‍यापी आंदोलन 14 सितंबर से Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे कर्मचारी संगठनों ने निजीकरण के विरोध में आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। भारतीय रेलवे मजदूर संघ के आह्वान पर पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ (पीआरएसएस)  की तरफ से बुधवार को महाप्रबंधक और मंडल कार्यालयों पर प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री और रेलमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि रेलवे का निजीकरण करना किसी के भी हित में नहीं है। इससे न केवल रेल कर्मचारी परेशान होंगे, अपितु रेल यात्रियों के लिए भी परेशानी हो जाएगी। संघ इसे बर्दाश्‍त नहीं करेगा। इसके लिए अब आर-पार की लड़ाई की जाएगी।

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छह दिन तक चलेगा आंदोलन

ज्ञापन देने के बाद आयोजित बैठक में वक्‍ताओं ने कहा कि रेल कर्मचारी कभी भी कमजोर नहीं रहा है और न ही कभी कमजोर होगा। रेल कर्मचारियों को अपनी एकजुटता पर ध्‍यान देना होगा। सरकार को पुनर्विचार करने के लिए संघ ने समय दिया है। संघ के नेताओं ने कहा कि आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने 14 से 19 सितंबर तक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का निर्णय लिया है। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) ने आंदोलन की सफलता को लेकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

पक्ष में मिल रहा जनसमर्थन

पीआरएसएस के केंद्रीय उपाध्यक्ष संजय त्रिपाठी के अनुसार निजीकरण के विरोध में जनसमर्थन जुटाया जा रहा है। सांसदों के माध्यम से प्रधानमंत्री और रेलमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी भेजा जा रहा हे। मंगलवार को प्राइवेट ट्रेनों को चलाने के लिए निविदा निकाली जाएगी। विरोध में संघ ने आंदोलन का निर्णय लिया है। एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री केएल गुप्त ने बताया कि निजीकरण के विरोध में पूर्वोत्तर रेलवे में एक सप्ताह तक आंदोलन चलेगा। आंदोलन के जरिये रेलकर्मियों की आवाज दिल्ली तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। अभियान चलाकर रेलकर्मियों के अलावा युवाओं और बेरोजगारों को भी जोड़ा जाएगा। मुख्यालय व मंडल के कार्यालयों, कॉलोनियों और स्टेशनों पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए रैलियां निकाली जाएंगी। मशाल जुलूस निकाला जाएगा। रेलकर्मी काली पट्टी बांधकर अपना कार्य करते रहेंगे।


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