इंसेफ्लाइटिस पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग गंभीर, मुख्य सचिव को दिया यह निर्देश Gorakhpur News
इंसेफ्लाइटिस से हो रही मौतों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने यूपी के मुख्य सचिव को कई बिंदुओं पर दिशा निर्देश जारी किया है।
गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वांचल में इंसेफ्लाइटिस से हो रही मौतों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है। गोरखपुर की संस्था मानव सेवा संस्थान ने 2013 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से इंसेफ्लाइटिस पर पूर्ण नियंत्रण न होने की शिकायत की थी। तबसे लेकर अनेक बार हुई जांच के बाद आई रिपोर्ट के आधार पर मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को कई बिंदुओं पर आगामी 27 सितंबर तक अमल करने का निर्देश दिया है।
आठ सप्ताह का दिया समय
मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि ने बताया कि आयोग ने यह अपेक्षा की है कि आगामी 27 सितंबर तक चिकित्सा सचिव उत्तर प्रदेश द्वारा इंसेफ्लाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आयोग के मेडिकल एक्सपर्ट डॉ.अरविंद कुमार द्वारा की गई जांच और सिफारिशों पर ठोस कदम उठाए जाएंगे। मुख्य सचिव को निर्देश का अनुपालन और इस संबंध में आठ सप्ताह के भीतर आयोग को एक कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।
ये हैं महत्वपूर्ण सिफारिशें
- मानव आबादी से सुअर पालन को कम से कम 4-5 किलोमीटर दूर रखा जाना चाहिए।
- राज्य सरकार से समयबद्ध लक्ष्य आधारित योजना मांगी या बनाई सकती हैं।
- राज्य सरकार को दो वर्षों के भीतर हाल ही में उठाए गए कदमों को प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
- जेई टीके की खरीद, वास्तविक मांग और रिलीज डेटा (पिछले दो वर्षों में जिलेवार), टीके की उपलब्धता की वर्तमान स्थिति जानने के लिए कहा गया है।
-समग्र दृष्टिकोण के लिए, महामारी विज्ञान, निवारक और सामाजिक चिकित्सा की पृष्ठभूमि के विशेषज्ञ से राय ली जा सकती है।