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मशरूम की खेती करके हो सकते हैं मालामाल, ऐसे करें इसकी खेती

मशरूम के उत्पादन के लिए विशेष प्रकार से निर्मित खाद की आवश्यकता होती है। इसे गेहूं के भूसे अथवा धान के पुआल से रासानिक उर्वरकों के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इसके लिए उचित मात्रा में भूसा मुर्गी की खाद कैल्सियम अमोनियम नाइट्रेट आद‍ि की आवश्यकता होती है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 08:27 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 07:30 AM (IST)
Mushroom farming: मशरूम की खेती करके क‍िसान लाखों रुपये कमा सकते हैं। - प्रतीकात्‍क तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। मशरूम की खेती करके लोग अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। गोरखपुर में रोजाना छह से सात टन बटन मशरूम की खपत होती है। यहां से गोरखपुर के अलावा पड़ोसी जिला देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज जैसे जिलों में भी यहीं से मशरूम भेजी जा रही है। ऐसे में लोग अपने घरों पर थोड़ा-सा ध्यान देकर मशरूम की अच्छी पैदावार ले सकते हैं। बटन मशरूम 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान बेहतर ढंग से विकसित होता है।

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ऐसे तैयार करें खाद

मशरूम के उत्पादन के लिए विशेष प्रकार से निर्मित खाद की आवश्यकता होती है। इसे गेहूं के भूसे अथवा धान के पुआल से रासानिक उर्वरकों के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इसके लिए उचित मात्रा में भूसा, मुर्गी की खाद, कैल्सियम अमोनियम नाइट्रेट या अमोनियम सल्फेट, डीएपी, म्यूरेट आफ पोटाश, यूरिया, सुपर फास्फेट, गेहूं का चोकर, जिप्सम, निमेगान, मैलाथियान पाउडर, शीरा, वावस्टीन की आवश्यकता होती है। कंपोस्ट बनाने के लिए 48 घंटा पूर्व भूसे की पतली तह पक्के फर्श पर बिछा कर उसे अच्छी तरह उलट कर पानी से तर कर लेना चाह‍िए।

ऐसे करें खाद का प्रयोग

इसके बाद उचित मात्रा में कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट, अमोनियम सल्फेट, सुपर फास्फेट और म्यूरिट आफ पोटाश, गेहूं के चोकर के साथ अच्छी तरह मिलाकर भूंसे का ढेर बना लें। छठें दिन इसकी प्रथम पल्टाई करें। दसवें दिन इसकी दूसरी पल्टाई करें। ताकि भीतर का भाग बाहर व बाहर का भाग भीतर हो जाए। 28वें दिन तक यही प्रक्रिया चलेगी। खाद में अमोनिया गैस की गंध नहीं आनी चाहिए। इस खाद को पालीथिन के थैलों में भरकर बिजाई करना चाहिए। खाद की ऊपरी सतह पर स्पान को बिखेर कर उसे दो-तीन इंच तक मिला दिया।

इतने द‍िनों में न‍िगल आएगा मशरूम

समय-समय पर उस पर पानी का छिड़काव भी किया जाए। ताकि नमी बरकरार रहे। 6 से 7 दिन में इसमें धागेनुमा फफूंद दिखने लगता हैं। इसके 15 से 20 दिन बाद मशरूम निकलना आरंभ हो जाता है। उसके बाद उसकी चुनाई करके उसकी बिक्री की जा सकती है।

- मशरूम की खेती करने वाले गोरखपुर के आनंद विजय अग्रहरि से बातचीत पर आधार‍ित।


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