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Manish Gupta Murder Case: मुख्‍य आरोपित एक लाख का इनामी इंस्पेक्टर जेएन सिंह व चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा गोरखपुर में गिरफ्तार

Manish Gupta Murder Case News कानपुर के व्‍यापारी मनीष गुप्‍ता की शहर के होटल कृष्‍णा पैलेसे में 27 सितंबर की रात हत्‍या कर दीर गई थी। इस मामले में रामगढ ताल थाने के थानेदार व चौकी इंचार्ज सहित छह पुलिसकर्मियों पर हत्‍या का मुकदमा दर्ज है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Sun, 10 Oct 2021 05:39 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 01:17 AM (IST)
Manish Gupta Murder Case: मुख्‍य आरोपित एक लाख का इनामी इंस्पेक्टर जेएन सिंह व चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा गोरखपुर में गिरफ्तार
एसआइटी टीम ने मनीष हत्‍याकांड के आरोपित इंस्‍पेक्‍टर व दारोगा को गिरफ्तार कर ल‍िया है। - सौ. इंटरनेट मीडिया

 गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Manish Gupta Murder Case Top News: मनीष हत्याकांड के मुख्य आरोपित इंस्पेक्टर जेएन सिंह और फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा को गोरखपुर पुलिस ने रविवार की शाम गिरफ्तार कर लिया। दोनों से रामगढ़ताल और क्राइम ब्रांच की टीम पूछताछ कर रही है। जल्द ही उन्‍हें कानपुर एसआइटी को सुपुर्द कर दिया जाएगा। अन्य आरोपितों की तलाश में गोरखपुर के साथ ही कानपुर जिले की पुलिस छापेमारी कर रही है। दबाव बनाने के लिए कई आरोपितों को हिरासत में लिया गया है। एसआइटी प्रभारी अपर पुलिस आयुक्‍त कानपुर आनंद प्रकाश तिवारी ने दोनों अभियुक्‍तों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। 

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 तलाश में जुटी थीं गोरखपुर व कानपुर पुलिस की 16 टीमें 

हत्यारोपित निरीक्षक जगत नारायण सिंह निवासी थाना मुसाफिरखाना जनपद अमेठी, उपनिरीक्षक अक्षय कुमार मिश्रा निवासी थाना नरही जनपद बलिया, उप निरीक्षक विजय यादव निवासी थाना बक्सा जनपद जौनपुर, उप निरीक्षक राहुल दुबे निवासी थाना कोतवाली देहात जनपद मिर्जापुर, मुख्य आरक्षी कमलेश सिंह यादव निवासी थाना परिसर जनपद गाजीपुर, आरक्षी नागरिक पुलिस प्रशांत कुमार निवासी थाना सैदपुर जनपद गाजीपुर के विरुद्ध मनीष गुप्‍ता की हत्‍या का मुकदमा दर्ज है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए गोरखपुर और कानपुर पुलिस की 16 टीम एक सप्ताह से छापेमारी कर रही थी। 

कानपुर पुलिस ने घोषित किया था एक-एक लाख का इनाम

नौ अक्‍टूबर को कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने आरोपितों पर घोषित 25-25 हजार रुपये के इनाम को बढ़ाकर एक लाख कर दिया था। शासन स्तर से आरोपितों की गिरफ्तारी का दबाव बढ़ने पर पुलिस आरोपितों के स्वजन व करीबियों से पूछताछ कर रही थी।

कोर्ट में समर्पण करने पहुंचे थे इंस्‍पेक्‍टर और चौकी इंचार्ज

घेराबंदी बढ़ने पर कोर्ट में सरेंडर करने के इरादे से निरीक्षक जेएन सिंह और दारोगा अक्षय मिश्रा नौ अक्‍टूबर की शाम गोरखपुर पहुंचे। भनक लगते ही गोरखपुर पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम सक्रिय हुई। 10 अक्‍टूबर को पुलिस ने दोनों को दबोच लिया। दोनों के कहां से पकड़ा गया यह अभी पुष्ट नहीं हो सका है। क्राइम ब्रांच के साथ ही जिले के पुलिस अधिकारी दोनों से पूछताछ कर रहे हैं।देर शाम तक उन्हें एसआइटी कानपुर को सुपुर्द कर दिया जाएगा।दैनिक जागरण से बातचीत में गोरखपुर पुलिस के एक अधिकारी ने जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा के गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

यह है मामला

 27 सितंबर को कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने के लिए आए थे। तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस में रात में पुलिस मनीष व उनके दोस्तों की पिटाई कर दी थी। इससे मनीष की मौत हो गई थी। दूसरे दिन मनीष की पत्नी मीनाक्षी की तहरीर पर पुलिस ने हत्यारोपित निरीक्षक जगत नारायण सिंह सहित छह पुलिस कर्मियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा पंजीकृत किया था।जिसकी विवेचना कानपुर एसआइटी कर रही है। अपर पुलिस आयुक्त कानपुर आनंद प्रकाश तिवारी के नेतृत्व में दो अक्टूबर को गोरखपुर पहुंची एसआइटी की जांच में सभी पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। जिसके बाद आरोपितों की तलाश में छापेमारी की जा रह थी।

थाने से 100 मीटर पर की थी घटना, 500 मीटर पर हुई गिरफ्तारी

रविवार को कई इत्तेफाक एक साथ हुए। जगत नारायण ने थाने से 100 मीटर की दूरी पर घटना को अंजाम दिया था और रविवार की शाम पांच बजे वह 500 मीटर की दूरी पर गिरफ्तार किया गया। परछाई की भांति जगत नारायण के अच्छे बुरे काम में साथ रहने वाला दारोगा अक्षय मिश्रा को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया।


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