सिद्धार्थनगर में 40 व बस्ती में 20 फीसद बढ़ा हत्याओं का ग्राफ Gorakhpur News
गोरखपुर-बस्ती परिक्षेत्र के जिलों में पुलिस ने कागजी कसरत कितनी भी क्यों न कर ली हो लेकिन दनादन बरसती गोलियां झूठ पर्दा उठा रही हैं। सिर्फ 24 दिनों में दोनों परिक्षेत्र में दर्जन भर से अधिक बार बदमाश विभिन्न घटनाओं में गोलियां बरसा चुके हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। इस वर्ष अपराध पर भी कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन का असर दिखा। बावजूद इसके पुलिस हत्याओं के बढ़ते ग्राफ पर अंकुश नहीं लगा सकी। सिद्धार्थनगर में हत्याओं का ग्राफ 40 फीसद बढ़ा है तो बस्ती जिले में 20 फीसद। महराजगंज जिले में हत्याओं का ग्राफ तो नहीं बढ़ा है, लेकिन कंट्रोल करने में यहां की पुलिस विफल है। यहां हत्या के मामले पिछले वर्ष के बराबर हैं।
गोरखपुर-बस्ती परिक्षेत्र के जिलों में पुलिस ने कागजी कसरत कितनी भी क्यों न कर ली हो, लेकिन दनादन बरसती गोलियां झूठ पर्दा उठा रही हैं। सिर्फ 24 दिनों पर गौर किया जाए तो दोनों परिक्षेत्र में दर्जन भर से अधिक बार बदमाश विभिन्न घटनाओं में गोलियां बरसा चुके हैं। इसमें सर्वाधिक घटनाएं गोरखपुर की हैं। यहां शाहपुर थाना क्षेत्र में एक मां बेटी को बदमाशों ने गोली मारी। चिलुआताल थाना क्षेत्र में पुरानी रंजिश को लेकर कृष्णा दूबे नाम के युवक को बदमाशों ने गोली मारी। कैंट थाना क्षेत्र के मोहद्दीपुर में गैंगवार में गोलियां चलीं। फिर भी पुलिस यही दावा करती है कि यहां घटनाएं कंट्रोल में है।
जानिए कहां कितने बढ़े हत्या के मामले
2019 अगस्त से अगस्त 2020 के तुलना के आधार पर सिद्धार्थनगर 40 फीसद हत्या के मामले बढ़े हैं जबकि बस्ती में इसकी बढ़ोत्तरी की संख्या 20 फीसद है।
देवरिया व कुशीनगर में दिखा सुधार
देवरिया व कुशीनगर की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। देवरिया में हत्याओं का ग्राफ 72 व कुशीनगर में 46 फीसद गिरा है। अगस्त तक पिछले तीन वर्षों की स्थिति इस प्रकार से है।
जिले 2018 2019 2020
देवरिया 36 39 11
गोरखपुर 83 73 51
कुशीनगर 29 22 12
महराजगंज 19 21 21
बस्ती 16 10 12
संतकबीरनगर 10 -10 7
सिद्धार्थनगर 17 05 7
निरंतर चल रही धड़ पकड़
अपर पुलिस महानिदेशक दावा शेरपा का कहना है कि हत्याएं कहीं बढ़ी है तो कहीं घटी भी हैं। पिछले वर्षों की तुलना में घटनाएं कम हुई हैं। पुलिस छोटी बड़ी घटनाओं को लेकर सतर्क है। निरंतर बदमाशों को धरपकड़ की जा रही है। दोनों परिक्षेत्र का औसत देखा जाए तो इसमें काफी सुधार हुआ है।