कोर्ट के आदेश पर एक वर्ष बाद 13 के विरुद्ध हत्या का मुकदमा Gorakhpur News
चौरीचौरा थाने की पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर 13 लोगों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। मामला एक वर्ष पूर्व का है। देवरिया जिले के गौरी बाजार थाना अंतर्गत ग्राम भरली पिपरा निवासी ऋषिकेश पुत्र लालचंद ने न्यायालय में वाद दाखिल किया था।
कोर्ट के आदेश पर एक वर्ष बाद 13 के विरुद्ध हत्या का मुकदमा
गोरखपुर, जेएनएन : चौरीचौरा थाने की पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर 13 लोगों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। मामला एक वर्ष पूर्व का है। देवरिया जिले के गौरी बाजार थाना अंतर्गत ग्राम भरली पिपरा निवासी ऋषिकेश पुत्र लालचंद ने न्यायालय में वाद दाखिल किया था कि देवरिया जिले के नगवा खास निवासी कुछ व्यक्तियों से उनका भूमि विवाद है।
सुलह करने के बहाने बुलाकर ले गए थे रामाज्ञा को
26 दिसंबर, 2019 को नगवा खास निवासी उमेश, रमावती पत्नी उमेश, इंदल, हीरालाल, लालजी, कमलेश, श्यामरती, वीरेंद्र, सूर्यभान, मुन्ना, गुलाब, राजन, सिरजावती पता अज्ञात उनके भाई रामाज्ञा को भूमि विवाद में सुलह करने के बहाने बुलाकर ले गए। उसके बाद उनके भाई का शव गोरखपुर स्थित मर्चरी हाउस पर मिला। वहां पहुंचने पर पता चला कि चौरीचौरा थाना पुलिस को उनके भाई बेहोशी की हालत में मिले थे। पुलिस उसे अस्पताल लेकर गई, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। प्रभारी निरीक्षक चौरीचौरा विजय सिंह ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर 13 लोगों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
दुष्कर्म के आरोपित की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
किशोरी से दुष्कर्म के आरोपित सौरभ श्रीवास्तव की अग्रिम जमानत की अर्जी अपर सत्र न्यायाधीश नम्रता अग्रवाल ने खारिज कर दी। इस मामले में कैंट थाने में मुकदमा दर्ज है। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपित ने अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी। अक्टूबर, 2017 में सहेली के साथ पीड़िता तरकुलहा माता मंदिर में दर्शन करने गई थी। वहीं उसकी मुलाकात कैंट इलाके के आवास विकास कालोनी झारखंडी, कूड़ाघाट निवासी सौरभ श्रीवास्तव से हुई। बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। बाद में नौकरी का झांसा देकर सौरभ ने पीड़िता को सात अक्टूबर, 2020 को मोहद्दीपुर बुलाया। आरोप है कि मुलाकात होने पर कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश करने के बाद उससे दुष्कर्म किया। आरोपित ने आपत्तिजनक वीडियो भी बना ली थी और शिकायत पर वीडियो वायरल करने की धमकी देता था। पीड़िता की तहरीर पर कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
उच्च न्यायालय ने आरोप पत्र दाखिल होने तक लगा दी थी गिरफ्तारी पर रोक
उच्च न्यायालय ने आरोप पत्र दाखिल होने तक उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इस मामले में कैंट पुलिस के आरोप पत्र दाखिल करने के बाद आरोपित ने अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता श्रद्धानंद पांडेय और नितिन मिश्र ने अभियोजन का पक्ष रखते हुए आरोपित को अग्रिम जमानत दिए जाने के विरोध में दलील पेश की।