नगर निगम ने तेल चोरी रोकने की तरकीब निकाली, जानें-क्या है इंतजाम Gorakhpur News
एक डिवाइस पर तकरीबन 853 रुपये खर्च होंगे। प्रदेश के किसी भी नगर निगम ऐसी व्यवस्था नहीं है।निगम के सभी वाहनों में रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) लगाई जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। तेल चोरी रोकने के लिए नगर निगम प्रशासन अब डिवाइस का सहारा लेगा। निगम के सभी वाहनों में रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) लगाई जाएगी। इंडियन आयल कारपोरेशन (आइओसी) की ओर से तेल टंकी में डिवाइस लगने के बाद निर्धारित मात्रा से ज्यादा तेल डाला ही नहीं जा सकेगा। तेल की चोरी बंद हो जाएगी।
एक डिवाइस पर खर्च होंगे 853 रुपये
एक डिवाइस पर तकरीबन 853 रुपये खर्च होंगे। प्रदेश के किसी भी नगर निगम ऐसी व्यवस्था नहीं है। नगर निगम में कई बार तेल चोरी पकड़ी जा चुकी है। कुछ कर्मचारियों को जेल भी भेजा जा चुका है। इसके बाद भी तेल चोरी बदस्तूर जारी है।
ऑनलाइन होगी मानिटरिंग
आरएफआइडी से वाहनों में डीजल या पेट्रोल की खपत की ऑनलाइन मानिटरिंग की जा सकेगी। तेल भराने की मात्रा तय की जा सकेगी। दिन में कितनी बार तेल भराया जा सकता है, इसे भी फीड किया जा सकेगा। गैलन में तेल नहीं भरा जा सकेगा।
डिवाइस ऐसे करेगी काम
पेट्रोल पंप की मशीन के नाजिल से रेडियो फ्रिक्वेंसी मैच करने के बाद ही तेल निकलेगा। दिन भर चलने के बाद यदि टंकी में तेल बचा रहेगा तो दूसरे दिन पेट्रोल पंप से ही कम तेल मिलेगा।
20 लाख तक की होगी बचत
नगर निगम में 225 से ज्यादा वाहन हैं। इनमें 60 से 80 लाख रुपये प्रति माह तक तेल की खपत होती है। नई तकनीक के इस्तेमाल से हर महीने 20 लाख रुपये की बचत की उम्मीद है। पिछले साल तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आकांक्षा राणा ने जब नगर निगम में तेल का खेल पकड़ा था, तब इसकी खपत प्रति माह 65 से 40 लाख रुपये तक आ गई थी।
प्रस्ताव तैयार
नगर निगम के लेखाधिकारी अमरेश पाल का कहना है कि आरएफआइडी लगाने के लिए इंडियन आयल से बात हो गई है। प्रस्ताव बनाकर अफसरों की अनुमति के लिए भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।