नगर आयुक्त ने पकड़ा सफाईकर्मियों की हाजिरी में चल रहा खेल, जानिए फिर क्या किया Gorakhpur News
सफाईकर्मियों की उपस्थिति में बड़ा खेल चल रहा है। मौके पर कम सफाईकर्मियों की उपस्थिति के बाद भी मस्टररोल में ज्यादा सफाईकर्मियों की उपस्थिति दिखाकर रुपये हड़पे जा रहे हैं। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने वार्ड नंबर 44 उर्वरक नगर में छापा मारकर खेल का पर्दाफाश किया।
गोरखपुर, जेएनएन : शहर में सफाईकर्मियों की उपस्थिति में बड़ा खेल चल रहा है। मौके पर कम सफाईकर्मियों की उपस्थिति के बाद भी मस्टररोल में ज्यादा सफाईकर्मियों की उपस्थिति दिखाकर रुपये हड़पे जा रहे हैं। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने वार्ड नंबर 44 उर्वरक नगर में छापा मारकर खेल का पर्दाफाश किया। उन्होंने सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच उप नगर आयुक्त संजय शुक्ल को सौंपी गई है।
नगर आयुक्त ने गंदगी देख जताई नाराजगी
नगर आयुक्त दोपहर 1:15 बजे उर्वरक नगर पहुंचे। यहां गंदगी देख उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने सफाई सुपरवाइजर विवेक कुमार को मौके पर बुलाया। स्थायी और आउटसोर्सिंग पर रखे गए सफाईकर्मियों की मौजूदगी के बारे में पूछा तो विवेक कुमार ने बताया कि छह स्थायी सफाईकर्मियों की तैनाती है लेकिन तीन अनुपस्थित हैं। इस पर नगर आयुक्त ने मस्टर रोल मांगा तो विवेक कुमार आनाकानी करने लगा। नगर आयुक्त ने आउटसोर्सिंग सफाईकर्मियों के बारे में पूछा तो विवेक ने बताया कि 20 की तैनाती है। इनमें चार अनुपस्थित हैं। सभी 16 सफाईकर्मियों की उपस्थिति भी मस्टर रोल में अंकित थी। नगर आयुक्त ने जांच कराई तो पता चला कि एक भी स्थायी सफाईकर्मी मौके पर नहीं था। आउटसोर्सिंग सफाईकर्मियों में 13 ही मौके पर मिले। नगर आयुक्त ने कहा कि सफाई सुपरवाइजर विवेक कुमार ने झूठ बोला और गलत तरीके से मस्टर रोल पर उपस्थिति दर्ज की। उसे निलंबित कर मुख्य कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। मामले की जांच उप नगर आयुक्त संजय शुक्ल को सौंपी गई है। उन्हें एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया है। कहा कि वार्डों की औचक जांच कर सफाईकर्मियों की उपस्थिति की वास्तविक संख्या और मस्टर रोल पर दर्ज संख्या देखी जाएगी। गड़बड़ी मिलने पर सुपरवाइजर और संबंधित अफसर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सफाईकर्मी और तेल में बड़ा खेल
नगर निगम में सफाईकर्मियों की उपस्थिति और तेल में बड़ा खेल चलता है। वार्डों में तैनाती के सापेक्ष आधे सफाईकर्मी गायब रहते हैं लेकिन मस्टर रोल पर सभी की उपस्थिति दर्ज कर रुपये ले लिए जाते हैं। इससे नगर निगम को आर्थिक क्षति पहुंचती है। उपस्थिति देखने के जिम्मेदार अफसर भी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। यही हाल तेल का है। बिना वाहन संचालित हुए तेल की खपत दिखा दी जाती है।
पंप चलाने में भी खेल
नगर निगम क्षेत्र में कई संपवेल लगे हैं। संपवेल में इलेक्ट्रिक और डीजल पंप स्थापित हैं। इनमें से इलेक्ट्रिक पंप ज्यादातर बताए जाते हैं। इसकी आड़ में तेल लेकर बेच दिया जाता है। जलभराव को देखते हुए कई जगहों पर पंपिंग सेट भी लगाए गए हैं। इनमें से ज्यादातर को कुछ घंटे चलाकर 24 घंटे के हिसाब से तेल ले लिया जाता है। तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आकांक्षा राणा ने तेल चोरी का पर्दाफाश कर एक चालक को जेल भी भेजा था।
बायोमीट्रिक उपस्थिति से रुकी थी गड़बड़ी
नगर निगम प्रशासन ने कोरोना शुरू होने से पहले 40 वार्डों में बायोमीट्रिक उपस्थिति की शुरुआत कर दी थी। सफाईकर्मियों को सुबह वार्ड में उपस्थित होने और काम पूरा कर वापस जाते समय बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य था। पिछले साल मार्च के आखिर में लाकडाउन लगा तो इस व्यवस्था पर रोक लगा दी गई थी। तब कई वार्डों में बायोमीट्रिक उपस्थिति को किनारे कर मस्टर रोल पर उपस्थिति दर्ज कर दी गई थी। तत्कालीन नगर आयुक्त ने खेल को पकड़ा और 22 सुपरवाइजरों से गलत तरीके से किए गए भुगतान को जमा कराया था।