बढऩी में बदहाल हो रहा मल्टी फंक्शनल कांप्लेक्स, गोरखपुर में निर्माण का इंतजार
दस साल से अधिक हो गए लेकिन अभी तक पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर स्टेशन परिसर में मल्टी फंक्शनल कांप्लेक्स नहीं बन पाया। जबकि सामान्य दिनों में गोरखपुर से प्रतिदिन डेढ़ लाख यात्री आवागमन करते हैं। वहीं छोटे स्टेशन बढऩी में बनने के बाद कांप्लेक्स बदहाल भी होने लगा है।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दस साल से अधिक हो गए लेकिन अभी तक पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर स्टेशन परिसर में मल्टी फंक्शनल कांप्लेक्स नहीं बन पाया। जबकि, सामान्य दिनों में गोरखपुर से प्रतिदिन डेढ़ लाख यात्री आवागमन करते हैं। वहीं, छोटे स्टेशन बढऩी में बनने के बाद कांप्लेक्स बदहाल भी होने लगा है। आम यात्री ही नहीं रेलवे को भी उसकी उपयोगिता समझ में नहीं आ रही। रेलवे ने डेढ़ करोड़ रुपये खर्च भी कर दिया है।
93 रेलवे स्टेशनों पर मल्टी फंक्शन कांपलेक्स बनाने की हुई थी घोषणा
रेलवे बोर्ड ने यात्रियों की सुविधा के लिए वर्ष 2010-11 में गोरखपुर सहित देश के 93 रेलवे स्टेशनों पर मल्टी फंक्शनल कांप्लेक्स बनाने की घोषणा की थी। रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन आज तक स्टेशन परिसर में निर्माण के लिए भूमि भी चिह्नित नहीं हो पाई। कांप्लेक्स को ऐसे बनाया जाना है, जिसमें यात्रियों को शाङ्क्षपग, फूड स्टाल, रेस्तरां, एटीएम, वैराइटी स्टोर्स, पार्किंग व अन्य सुविधाएं मिल सकें, लेकिन यह योजना परवान चढऩे से पहले ही धराशायी हो गई।
फूड स्टाल खुला न जन आहार, जरूरी दवाइयों का भी टोटा
रेलवे स्टेशन पर खानपान की व्यवस्था बदहाल है। रेलवे प्रशासन उदासीन बना हुआ है, ऊपर से कोरोना कोढ़ में खाज बना हुआ है। उत्तरी द्वार के प्लेटफार्म नंबर नौ पर अभी तक हैंङ्क्षगग फूड स्टाल नहीं खुल सका। जबकि, भवन तैयार है। प्लेटफार्म नंबर दो स्थित जन आहार तीन साल से बंद है। स्टेशन पर एक भी मल्टी परपज स्टाल नहीं है। खानपान की कौन कहे, बुखार या सिरदर्द होने पर यात्रियों को एक टेबलेट नहीं मिल पाता। दो फास्ट फूड यूनिट हैं, जो इस विश्वस्तरीय स्टेशन के लिए नाकाफी हैं।
आरएलडीए ने तैयार किया पीपीपी माडल पर विकास का खाका
आरएलडीए ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी माडल) के आधार पर गोरखपुर, गोंडा और छपरा सहित 49 स्टेशनों के समग्र विकास का खाका तैयार किया है। रेलवे प्रशासन के सहयोग से स्टेशन परिसर, खाली भूमि, बनकर व गुजरने वाली ट्रेनों और आवागमन करने वाले यात्रियों के संख्या की समीक्षा शुरू कर दी है। पीपीपी माडल से तैयार स्टेशन न सिर्फ विश्वस्तरीय दिखेंगे बल्कि सुविधाएं भी उ'चस्तरीय होंगी। स्टेशन के गेट क्षेत्र की धार्मिकता, आध्यात्मिकता और पहचान का अहसास कराएंगे।
Edited By Navneet Prakash Tripathi