वादाखिलाफी पर भड़के बिजलीकर्मी, धरना देने के साथ ही काम बंद Gorakhpur News
वक्ताओं ने कहा कि निजीकरण का प्रयोग पूरी तरह विफल हो चुका है। सरकार यदि निजी कंपनियों को इस क्षेत्र में आने का अवसर दे रही है तो पहले उन्हें अपनी अलग लाइन बनानी होगी। सरकारी लाइन पर निजी कंपनियों को बिजली नहीं बेचने दिया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने फिर संघर्ष की शुरुआत कर दी है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने निजीकरण के प्रस्ताव को वादाखिलाफी बताते हुए बड़े आंदोलन का एलान कर दिया है। अफसरों और कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर मोहद्दीपुर स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने धरना दिया।
सरकारी लाइन पर निजी कंपनियों को बिजली नहीं देंगे
संरक्षक अजय कुमार, क्षेत्रीय मंत्री ऐश्वर्य सिंह ने कहा कि निजीकरण का प्रयोग पूरी तरह विफल हो चुका है। सरकार यदि निजी कंपनियों को इस क्षेत्र में आने का अवसर दे रही है तो पहले उन्हें अपनी अलग लाइन बनानी होगी। सरकारी लाइन पर निजी कंपनियों को बिजली नहीं बेचने दिया जाएगा। निजी कंपनियां अपनी लाइन बनाकर आपूर्ति करें फिर हमसे मुकाबला करें। बसपा के महानगर अध्यक्ष मारकंडेय सिंह, कांग्रेस की प्रदेश सचिव कुसुम पांडेय ने बिजलीकर्मियों की लड़ाई का समर्थन किया। इस दौरान दीपक गुप्ता, कृष्णमोहन यादव, विजय कुमार यादव, करुणेश त्रिपाठी, नरसिंह मौर्य, शशि कपूर, सीबी उपाध्याय, पुनीत निगम, इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, राम किशन, राम जनक सिंह, हवलदार रावत, सोमदत्त शर्मा, अरुण गुप्ता, अखिलेश गुप्ता, अमन तिवारी, चंदन दुबे, दिलीप गुप्ता, प्रभुनाथ प्रसाद, पंकज गुप्ता आदि मौजूद रहे।
निजीकरण से उपभोक्ताओं को नुकसान
विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन के क्षेत्रीय मंत्री उदय सिंह, जिलाध्यक्ष राहुल श्रीवास्तव और जिला सचिव राम अनुज पाल नें निजीकरण से होने वाली नुकसान के बारे में बताया। कहा कि निजीकरण से हर तरह के उपभोक्ताओं को महंगी बिजली खरीदनी पड़ेगी। निजी कंपनियां मनमाने तरीके से रेट तय करेंगी। कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पूर्वांचल अध्यक्ष आशुतोष शाही, सचिव अरविंद मिश्र, प्रांतीय मंत्री सरोजनी सिंह, विकास श्रीवास्तव, अजय सिंह आदि मौजूद रहे।
विद्युत मजदूर संगठन ने दिया धरना
विद्युत मजदूर संगठन ने के जिलाध्यक्ष अजय कुमार शाही और विद्युत संविदा मजदूर संगठन के जिलाध्यक्ष सैयद जुल्फिकार के नेतृत्व में धरना दिया गया। निजीकरण के साथ ही संगठन ने समस्याओं के समाधान की मांग की। इस दौरान प्रभाकर पाण्डेय, मनीष राय, अखिलेश श्रीवास्तव, जगरनाथ यादव, सुरेंद्र सिंह, प्रमोद कुमार पांडेय, केदारनाथ गौतम, चंद्रमणि तिवारी, विवेक श्रीवास्तव, अशोक गौडिय़ा, अशोक कुमार, शेषनाथ, हरिओम मिश्र आदि मौजूद रहे।