जैसी थी, वैसी ही बनेगी अयोध्या में मस्जिद Gorakhpur News
अयोध्या में स्जिद की पुरानी तस्वीरों के आधार पर ही नई मस्जिद के निर्माण का प्रारूप तैयार कराया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए बने ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के उपाध्यक्ष अदनान फर्रुख अली शाह 'मियां साहब ने कहा कि ईद-उल-अजहा (बकरीद) के बाद मस्जिद निर्माण की योजना पर बात आगे बढ़ेगी। कोशिश होगी कि साल के आखिर तक अयोध्या के रौनाही में मस्जिद निर्माण का कार्य शुरू करा दिया जाए। नई मस्जिद वैसी ही होगी, जैसी पुरानी थी। ट्रस्ट का उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद मियां साहब गुरुवार को जागरण से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद की पुरानी तस्वीरों के आधार पर ही नई मस्जिद के निर्माण का प्रारूप तैयार कराया जाएगा। नए निर्माण को आलीशान स्वरूप देने के लिए दुनिया भर के पुरातत्व व कलाविद की सलाह और सहयोग लिया जाएगा। हरसंभव कोशिश होगी कि नई मस्जिद की शान-ओ-शौकत बाबरी मस्जिद की तरह ही हो, ताकि उसकी याद लोगों के जेहन में ताजा रहे।
उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कई देशों की कंपनियों ने मस्जिद निर्माण में दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन ट्रस्ट का गठन न होने की वजह से निर्णय नहीं लिया जा सका। ट्रस्ट का मकसद ऐसी मस्जिद का निर्माण कराना है, जैसा देश के मुसलमान चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से आवंटित पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद के अलावा इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, डिजिटल लाइब्रेरी और टेक्निकल कॉलेज बनाने की योजना है। उन्होंने यह भी बताया कि आवंटित जमीन फिलहाल कृषि विभाग के पास है। ट्रस्ट के नाम उसके स्थानांतरण की प्रक्रिया जल्द पूरी कराई जाएगी।
योजना पर मंथन के लिए ऑनलाइन बैठक जल्द
मियां साहब ने बताया कि ईद-उल-अजहा के बाद वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये कमेटी के पदाधिकारियों की बैठक होगी। इसमें आपसी सहमति से छह सदस्यों को चुनने के अलावा आगे की योजना पर मंथन किया जाएगा। कमेटी में हर क्षेत्र के व्यक्ति को शामिल किया जाएगा। ट्रस्ट की कार्यप्रणाली की रूपरेखा भी बैठक में तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि मस्जिद के लिए आवंटित जमीन के बेहतर उपयोग के लिए आम मुसलमानों से राय ली जाएगी। राय पसंद आने पर उसे योजना का हिस्सा बनाया जाएगा।
लाइब्रेरी में होंगी दुनिया की सभी भाषाओं की किताबें
मस्जिद परिसर में बनने वाली डिजिटल लाइब्रेरी के प्रारूप पर चर्चा करते हुए मियां साहब ने बताया कि दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर इस लाइब्रेरी तक पहुंचा जा सकेगा और लोग अपनी पसंद की किताबों को सुविधानुसार डाउनलोड कर सकेंगे। लाइब्रेरी में दुनिया की सभी भाषाओं की किताबें होंगी।